Abhay Varma
Giridih: सुरक्षा मानकों को अनदेखा कर सदर अस्पताल में ही एक्स-रे मशीन संचालित की जा रही है. बीमारी के इलाज के लिए केंद्र पर पहुंच रहे मरीज मशीन से निकलने वाले विकिरण की चपेट में आ रहे हैं. सुरक्षा मानकों के विपरीत चलने वाले इस केंद्र पर परमाणु ऊर्जा नियामक परिषद की लगातार आ रही चेतावनी को शासन प्रशासन नजरअंदाज कर रहा है. बावजूद केंद्र रेडिएशन सेफ्टी का पालन नहीं कर रहा है. हालत यह है कि मरीज, सहायक कर्मचारी खुद रेडिएशन के खतरे की जद में हैं. केंद्र पर बचाव के साधनों का अभाव है. नियमानुसार ना तो कंक्रीट की मोटी दीवार है और न ही स्टील की लेड धातु युक्त दरवाजे. चारों ओर से खुली खिड़की दरवाजे के बीच एक्सरे मशीन चलाई जा रही है. ऐसे में रेडिएशन का खतरा बना रहता है. यहां सर्वाधिक चकित करने वाली बात यह है कि निजी क्लिनिकों को कई बार मामले में नोटिस जारी किया गया है, पर सदर अस्पताल इससे बेपरवाह बना हुआ है.
क्या है प्रावधान
नियमों के तहत एक्सरे मशीन लगाने वालों को पंजीकरण से जुड़ा डिटेल वर्ष में एक बार प्रमुख समाचार पत्रों में प्रकाशित करना होता है. इसमें इन उपसकरों के निर्माता और आपूर्तिकर्ता के लिए अनुमोदन प्रमाण पत्र की शर्तों का उल्लेख होता है. पंजीकरण एवं सुरक्षा संबंधी शर्तों का पालन नहीं करने पर लाइसेंस रद्द किया जा सकता है. बिना अनुमति के ऐसे उपकरणों को लगाने पर कार्रवाई का प्रावधान है, पर ऐसा यहां नहीं हो रहा है. प्रावधान के तहत एक्स-रे रूम में किसी प्रकार का छिद्र नहीं होना चाहिए. लेड का दरवाजा विकिरण को बाहर जाने से रोकता है. टेक्नीशियन को लेड अपरोन सुरक्षा के लिए पहनना जरूरी होता है, पर सदर अस्पताल में छोटी छिद्र की बजाये हमेशा चारों ओर खुली खिड़की और दरवाजे रहते हैं.
बिना विकिरण नापे ली जा रही सेवा
नियमानुसार एक्स-रे रूम में कार्य करने वाले हर कर्मचारी के लिए बेज फिल्म लगाना जरूरी है. यह फिल्म विकरणों से बचने के साथ ही विकिरण की मात्रा भी बताती है. नापे गए विकिरण के आधार पर ही कर्मचारियों की ड्यूटी बदली जाती है. जिस कर्मचारी की वेज फिल्म में ज्यादा विकिरण पाया जाता है उसकी ड्यूटी का समय कम कर दिया जाता है, पर सदर अस्पताल में संचालित एक-रे केंद्र में एक ही टेक्नीशियन लगातार काम करता है. ना कहीं वेज फिल्म का प्रयोग किया जा रहा है और ना विकिरण नापा जा रहा है. बताते चलें कि केंद्र को परमाणु ऊर्जा नियमों परिषद द्वारा वेज फिल्म भेजी जाती है और उसकी रिपोर्ट समय-समय पर परिषद को देनी होती है, पर सदर अस्पताल में ऐसा नहीं हो रहा है.
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तो यह पड़ सकता है प्रभाव
एक्स-रे मशीन से निकलने वाला विकिरण इतना घातक होता है इसके प्रभाव से जीन संरचना में गड़बड़ी होने से अनुवांशिक की विकृतियां पैदा हो सकती है. गर्भवती माता के जन्म लेने वाले बच्चों में विकृति आ सकती है. हाइपरटेंशन, बीपी, तनाव जैसी बीमारियां घेर लेती हैं. साथ ही उत्तकों का छह होने के कारण कैंसर जैसी बीमारियां हो सकती हैं.
जल्द की जाएगी व्यवस्था: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉक्टर एसपी मिश्रा ने कहा की सदर अस्पताल में संचालित एक्स-रे मशीन को जल्द ही दुरुस्त किया जाएगा. कहा कि परमाणु ऊर्जा नियामक के तहत रेडिएशन सेफ्टी का पालन किया जाएगा. बताया कि इसकी व्यवस्था बहुत जल्द की जा रही है.