Ranchi: कोरोना की दूसरी लहर के बाद राज्य से बड़ी संख्या में श्रमिकों का पलायन दूसरे राज्यों में हुआ. टेक्सटाइल कंपनी में काम और उचित मजदूरी देने के नाम पर पलामू की 12 युवतियों को तमिलनाडु ले जाया गया. जहां युवतियों को काम तो मिल गया बस नहीं मिली तो सैलरी. जिससे उनका परदेश में रहना मुश्किल हो गया. उन्होंने राज्य प्रवासी श्रमिक नियंत्रण कक्ष से मदद मांगी. जिसके बाद उन्हें वापस लाया जा सका. सभी पीड़ित युवतियां पलामू की रहने वाली हैं.
वापस नहीं जाने का कंपनी ने बनाया दबाव
तमिलनाडु के बृज टैक्सटाइल कंपनी में काम दिलाने के नाम पर युवतियों को ले जाया गया था. पलामू जिले की 12 युवतियों को जुलाई 2021 में तमिलनाडु के करूर जिले के बृज टेक्सटाइल कंपनी में काम दिलाने के लिये ले जाया गया. बृज टेक्सटाइल ने झारखंड से गई युवतियों को न्यूनतम मजदूरी भी नहीं दी. ऊपर से पेमेंट लेट लतीफ ,कभी मिला तो कभी नहीं वाली स्थिति हो गयी.जिसके कारण युवतियों का वहां रहना मुश्किल हो गया. जब वह वापस आना चाहीं तो उन्हें कंपनी के लोगों ने उन्हे रोका. युवतियों पर वापस नहीं जाने के दबाव बनाया गया. अंत में पीड़ित युवतियों ने झारखंड सरकार की श्रमिक नियंत्रण कक्ष से मदद की गुहार लगायी. जिसके बाद आज उनकी वापसी संभव हो पायी है. सभी युवतियां धनबाद एल्लेपी से रांची पहुंची. उन्होंने राज्य सरकार और श्रमिक नियंत्रण कक्ष के पदाधिकारियों के प्रति आभार जताया है.