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करमपदा खदान में 14 दिन से जारी गतिरोध समाप्त, प्रबंधन ने कहा-जांच कर बकाया राशि का भुगतान होगा

Kiriburu : मेसर्स शाह ब्रदर्स की करमपदा लौह अयस्क खदान का पिछले चौदह दिनों से जारी गतिरोध गुरुवार को हुई वार्ता के बाद समाप्त हो गया. खदान के महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, अखिल झारखंड श्रमिक संघ के कोल्हान प्रभारी राजू सांडिल, विभिन्न गांवों के मुंडा एवं उक्त खदान के मजदूरों के बीच साइडिंग प्लॉट में हुई संयुक्त बैठक के बाद यह निर्णय लिया गया. महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा ने बताया कि आज की वार्ता अच्छे माहौल में हुई. कुछ मजदूरों की यह शिकायत थी कि वह काम किये हैं लेकिन उनका पैसा नहीं मिला है, तो कुछ का ग्रेच्युटी का पैसा से संबंधित मांग आदि शामिल थी. मजदूरों को हमने समझाया कि खादान में जो मजदूर प्रति वर्ष 244 दिन तथा कम से कम पांच वर्षों तक कार्य करता है वह ग्रेच्युटी का हकदार होता है. हमने बैठक में मजदूरों की हाजिरी से संबंधित रजिस्टर आदि भी दिखायी. जिन मजदूरों का पैसा विभिन्न वजहों से नहीं मिला होगा, उसकी जांच कर उनका पैसा का भुगतान किया जायेगा. उन्होंने कहा कि कुछ मजदूरों का बैंक खाता बंद होने की वजह से भी उनके खाते में पैसा नहीं डाला जा सका है, जिसे ग्रामीण मुंडा राजेश के माध्यम से वैसे लोगों को बैंक भेज उनका खाता जीवित कर उसमें पैसा डाला जायेगा. कुछ मजदूरों की यह शिकायत थी कि बीते दिन उनके साथ स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मारपीट की गई. इस पर दिलीप मिश्रा ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि ऐसी घटना किसी के साथ नहीं होना चाहिये. सभी आपस में प्रेम व भाईचारे के साथ रहें. उन्होंने तमाम मजदूरों से अपील की कि उन्हें किसी भी प्रकार की समस्या या जानकारी लेनी हो तो सीधे उनसे मिलंे, उन्हें सही जानकारी व सुझाव दिया जायेगा. [caption id="attachment_167556" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2021/10/sah-brothers-1-300x209.jpg"

alt="" width="300" height="209" /> मजदूरों से वार्ता करते महाप्रबंधक दिलीप मिश्रा.[/caption]

अब और नुकसान नहीं झेलेंगे: ग्रामीण

दूसरी तरफ खदान के आसपास के सैकड़ों ग्रामीणों ने कंपनी प्रबंधन को भरोसा दिलाया कि वह अब खदान के तमाम कार्यों को नियमित रूप से संचालित कराते रहने का भरसक प्रयास करेंगे. जो भी व्यक्ति खदान के कामकाज को प्रभावित करने आयेगा उसे भगाने का कार्य करेंगे. क्योंकि खदान बंद रहने से हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती है. अब और नुकसान हम नहीं झेलेंगे. इस दौरान राजेश मुंडा, मंगरा मुंडा, मुंडा कानूराम देवगम, मुंडा जामदेव चाम्पिया, मंगल कुम्हार आदि के अलावे भारी तादाद में स्थानीय मजदूर, महिला व ग्रामीण मौजूद थे. [wpse_comments_template]

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