Ranchi: रांची महाधर्मप्रांत के आर्चबिशप फेलिक्स टोप्पो ने रविवार को कांके के डिवाइन सेवियर चर्च में 64 बच्चों का दृढीकरण संस्कार किया. यह संस्कार कैथोलिक समाज के धार्मिक जीवन में काफी महत्वपूर्ण स्थान रखता है. इसलिए दृढीकरण संस्कार की धर्मविधियों में विश्वासी बड़ी संख्या में भाग लेते हैं. कोरोना संक्रमण और सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए इसमें सीमित लोगों को बुलाया गया.
इस अवसर पर आर्चबिशप ने कहा कि इस संस्कार द्वारा आपको पवित्र आत्मा का वरदान मिलेगा. वरदान आपको लालच में गिरने से बचाएगा. इसलिए जरुरी है कि आप पवित्र आत्मा की आवाज को पहचाने और उसके अनुसार प्रेम के साथ रहें.
सात संस्कार होते हैं
रांची महाधर्मप्रांत के चान्हो पल्ली में रांची के सहायक बिशप थेऑदोर मैस्करेन्हास ने 60 कैथोलिक बच्चों का दृढ़ीकरण संस्कार किया. उन्होंने कहा कि कैथोलिक कलीसिया में सात संस्कार होते हैं. इन संस्कारों द्वारा विशेष वरदान की प्राप्ति होती है. दृढ़ीकरण संस्कार युवावस्था में दी जाती है. इस धर्मविधि में चान्हो के पल्ली पुरोहित फादर अल्बर्ट लकड़ा, सहायक पल्ली पुरोहित फादर जॉर्ज टोप्पो और फादर प्लासिदिउस टोप्पो भी शामिल थे.
ईश्वर क्षमा कर देते हैं
संत मरिया महागिरजाघर में रविवार को लालपुर पैरिस के 42 बच्चों ने पहला परमप्रसाद ग्रहण किया. महागिरजा के पल्ली पुरोहित फादर आनंद डेविड खलखो कार्यक्रम के मुख्य अनुष्ठाता थे. लालपुर के पल्ली पुरोहित फादर देवसहाय मिंज ने अपने प्रवचन में तीन मुख्य बिन्दुओं पापस्वीकार, परमप्रसाद और विश्वास पर जोर देते हुए कहा कि पापस्वीकर के द्वारा हमारे पापों को ईश्वर क्षमा कर देते हैं. हम ईश्वर के करीब आते है और येसु को स्वीकार करने के लिए अपने को तैयार करते हैं. जब हम पूर्ण विश्वास और भरोसे के साथ परमप्रसाद को ग्रहण करते हैं तो येसु ख्रीस्त स्वयं हमारे दिल में आते हैं और हमें नवजीवन प्रदान करते हैं.