- कोरोना के खिलाफ 15वें वित्त आयोग की राशि का उपयोग करने व पंचायत स्तर पर फिर से क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था को लागू करने की उठी मांग
- दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की मॉनिटरिंग और उनकी जांच को लेकर किए जाने वाले इंतजामों पर भी सीएम और जन प्रतिनिधियों के बीच हुआ संवाद
Ranchi: सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य में 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों का नि:शुल्क टीकाकऱण किया जाएगा. सभी तैयारी पूरी कर लगी गई है. जैसे ही टीका उपलब्ध करा दिया जाएगा, अभियान शुरू हो जाएगा. वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि कोरोना मरीजों को बेड और दवाईयों की कमी नहीं होने दी जाएगी. जो दवाएं उपलब्ध नहीं है, उसकी जानकारी सरकार को दी जाए, दवाएं उपलब्ध करा दी जाएगी. सीएम ने कहा कि इस महामारी में भी जो दवाइयों की कालाबाजारी कर रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार कार्रवाई कर रही है.
सीएम ने यह बातें कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर गुरूवार को सभी जिलों के डीडीसी, डीपीआरओ, डीपीएम और जिला परिषद, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों के कार्यकारी परिषद के प्रधानों के साथ की ऑनलाइन विचार-विमर्श के दौरान कहीं. इस दौरान सीएम ने सुदूर ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण की स्थिति, जांच, इलाज, दवाई और चिकित्सीय संसाधनों की उपलब्धता के अलावा टीकाकरण अभियान को लेकर जन प्रतिनिधियों से जानकारी ली. साथ ही उन्हें सरकार की कार्ययोजना से भी अवगत कराया.
हर स्तर के जन प्रतिनिधियों को कोरोना योद्दा की मांग दर्जा
इस मौके पर त्रिस्तरीय पंचायती राज से जुड़े जन प्रतिनिधियों ने कोरोना संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए अपने विचारों और सुझावों से मुख्यमंत्री को अवगत कराया और आ रही समस्याएं भी बताई. दुमका, पाकुड़, खूंटी समेत कई जिलों के जनप्रतिनिधियों ने टीकाकरण को लेकर लोगों के बीच फैली भ्रांतियां, गलतफहमी और किए जाने वाले दुष्प्रचारों की जानकारी मुख्यमंत्री को दी. उन्होंने कहा कि हर स्तर के जन प्रतिनिधियों को कोरोना योद्दा का दर्जा मिले और सभी का टीकाकरण प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए. इससे लोगों के बीच सकारात्मक संदेश जाएगा कि टीका पूरी तरह सुरक्षित है और वे टीकाकरण के लिए आगे आएंगे.
बैठक में मिले ये अहम सुझाव
– टीकाकरण के प्रति ग्रामीण इलाकों में लोगों को जागरूक करने में उस क्षेत्र के खेल, राजनीति, समाज सेवा से जुड़े हस्तियों और प्रमुख लोगों का सहयोग लिया जाए. उस इलाके में प्रचलित भाषा में प्रचार-प्रसार को सुनिश्चित किया जाए.
– सामुदायिक, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप केंद्रों में संक्रमितों के इलाज के लिए पर्याप्त चिकित्सीय संसाधन उपलब्ध कराया जाए, चिकित्सक और नर्स समेत अन्य मैनपावर की कमी दूर की जाए.
– 15वें वित्त आयोग के तहत उपलब्ध कराई गई राशि का कोरोना महामारी के खिलाफ चल रही जंग में इस्तेमाल करने की इजाजत दी जाए.
– पंचायत स्तर पर फिर से क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था को लागू किया जाए. इसके लिए बेड समेत अन्य आवश्यक संसाधन पहले से ही उपलब्ध हैं.
– दूसरे राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों की मॉनिटरिंग और जांच की व्यवस्था की जाए. इससे संक्रमण के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी.
– ग्रामीण इलाकों के स्वास्थ्य केंद्रों में एंबुलेंस की उपलब्धता सुनिश्चित हो. आपातकालीन परिस्थितियों में ममता वाहन के इस्तेमाल की भी इजाजत दी जाए.
– कोरोना संक्रमितों के देहांत हो जाने की स्थिति में उसकी अंत्येष्टि को लेकर जो दिक्कतें आ रही हैं, उसे दूर करने की पहल हो.
– ग्रामीण इलाकों में कई परिवारों के सभी के सभी लोग संक्रमित हैं. ऐसे में इन परिवारों के सामने सबसे बड़ा संकट भोजन को लेकर है. ऐसे परिवारों को सरकार के स्तर पर भोजन उपलब्ध कराने क व्यवस्था सरकार के स्तर पर होनी चाहिए.