Ranchi: नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने 19 मई को झारखंड के सभी नगर निकायों को 27 मई तक सभी गलियों और नालियों की सफाई सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया था. उन्होंने कहा था कि स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के कारण लोग घरों में हैं. सड़कों पर भीड़ कम है इसलिए सफाई करना आसान होगा. इसी दौरान यास तूफान ने दस्तक दे दिया. झारखंड में कमजोर पड़ने के बाद भी यास ने नगर निकायों की तैयारियों की पोल खोल दी. राज्य के सभी जिलों दो दिन की बारिश में ही सड़कें जलमग्न हो गयी. सड़कों पर नालियों का कचरा पसर गया. राजधानी रांची में भी नगर निगम की तैयारियों की पोल खुल गई. मेयर और नगर आयुक्त साफ-सफाई पर ध्यान देने के बजाए एक दूसरे पर आरोप लगाने में उलझे रहे. जब तूफान आकर गुजर गया तो दोनों शहर का दौरा करने निकले.
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राजधानी के दर्जनों मुहल्लों में घुसा बारिश का पानी, सड़कों पर गंदगी का अंबार
यास तूफान की वजह से राजधानी रांची में दो दिनों से हो रही बारिश ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल दी है. नेजाम नगर, टेंडर हार्ट तुपुदाना, कांके रोड, बांधगाड़ी, हरमू बाइपास, बड़ा तालाब मेकन मोड़, हिनू, कर्बला चौक, अल्कापुरी, धोबीघाट जैसे दो दर्जन मुहल्ले में जल जमाव की स्थिति पैदा हो गई है. नेजाम नगर में कई घरों में नाले का पानी घुस गया है. लगातार बारिश की वजह से नामकुम स्वर्णरेखा के नीचे स्थित पुल के ऊपर से पानी बहने लगा. जबकि मानसून से पहले नगर निगम ने शहर की सभी छोटी-बड़ी नालियों की सफाई के दावे किये थे. इसके बावजूद एक ओर जहां नालियों का पानी ओवरफ्लो होकर रोड पर बह रहा था. बलदेव सहाय लेन, बांधगाड़ी रोड नंबर 5, बंगला स्कूल रोड में भी बारिश की वजह से जलजमाव हो गया.
लॉकडाउन में साफ-सफाई का था अच्छा अवसर
विनय चौबे ने नगर आयुक्तों को साफ-सफाई की क्लोज मॉनिटरिंग करने का निर्देश दिया था, लेकिन जब तूफान आकर गुजर गया तब मेयर और रांची नगर आयुक्त मुकेश कुमार सड़क पर उतरे. अरगोड़ा, बड़ा तालाब, निजमा नगर और खेत मुहल्ला समेत कई इलाकों का दौरा कर जलजमाव और गंदगी देखकर बोले क्विक रिस्पॉंस टीम एक्टिव है. उधर मेयर आशा लकड़ा भी गुरुवार को शहर का मुआयना करने निकलीं. गंदगी और जलजमाव देखकर भड़क गयीं.
शहर में जलजमाव और गंदगी पसरने के बाद मेयर और नगर आयुक्त सड़क पर उतरकर ये बता आये कि वे एक्टिव हैं. अगर नगर विकास सचिव का निर्देश मिलने के बाद ही ये लोग साफ-सफाई का क्लोज मॉनिटरिंग करना शुरू कर देते तो शायद ऐसी स्थिति नहीं आती. लॉकडाउन की वजह से सूनी सड़कों और लोगों की कम आवाजाही के कारण नालियों-गलियों की सफाई आराम से हो सकती थी, लेकिन निगम के अधिकारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और अब कह रहे हैं कि मॉनसून के पहले नालियों और सड़कों की सफाई कर देंगे.
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