Ranchi : झारखंड प्रदेश यूथ कांग्रेस के नये प्रदेश अध्यक्ष बने अभिजीत राज पर लगातार कई तरह के गंभीर आरोप लग रहे हैं. उनके प्रदेश अध्यक्ष बने हुए महज दो माह ही हुए हैं, लेकिन वो दूसरी बार विवादों में घिरते नजर आ रहे हैं. अभिजीत राज पर सबसे पहले आरोप उनके यूथ कांग्रेस चुनाव का फाइनल रिजल्ट आने के पहले ही लगा था. अब जो आरोप उनपर लगा है, वह काफी गंभीर है. दरअसल, सोशल मीडिया पर वायरल सर्टिफिकेट के अनुसार, अभिजीत पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री के सहारे चुनाव लड़ा. यह खबर अब मीडिया पर भी आ गया है. इसे लेकर झारखंड यूथ कांग्रेस प्रभारी इमरान अली ने लगातार न्यूज को अपना पक्ष रखा है.
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उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अभी तक इसे लेकर कोई शिकायत नहीं की गयी है. जब शिकायत होगी, तो फिर इंडियन नेशनल यूथ कांग्रेस (IYC) देखेगा कि क्या करना चाहिए. IYC तय करेगा कि कमिटी बनाकर फर्जी डिग्री मामले की जांच करायी जाये या नहीं. वहीं, मीडिया को दिये बयान में अभिजीत राज ने इसे पूरी तरह से फर्जी मामला बताया है. उन्होंने कहा कि जहां जरूरत होगी, मैं वहां प्रमाण दूंगा.
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अभिजीत राज पर सबसे पहला आरोप उस समय लगा था, जब उन्होंने रिजल्ट आने से पहले ही खुद को स्वघोषित प्रदेश अध्यक्ष मान लिया था. उस दौरान यह बात सामने आयी कि उनके इस काम से इंडियन नेशनल यूथ कांग्रेस ने नये अध्यक्ष का नाम सार्वजनिक करने के फैसले को होल्ड कर दिया था. जब अभिजीत राज ने इंटरव्यू से पहले ही खुद को अध्यक्ष मान लिया, तो इस घटना पर गंभीरता दिखाते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने यह कदम उठाया था.
अब यूथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष पर फर्जी मैट्रिक सर्टिफिकेट के सहारे चुनाव लड़ने और जीतने का आरोप लगा है. मीडिया में यह जानकारी आ गयी है, अभिजीत राज का मैट्रिक का सर्टिफिकेट और चुनाव के लिए भरे गये नामांकन पत्र में दी गयी जन्म तिथि में पांच वर्ष का अंतर है. अभिजीत राज ने यूथ कांग्रेस चुनाव में अपनी जन्म तिथि 31 दिसंबर 1987 बतायी है. जबकि, मैट्रिक सर्टिफिकेट में जन्म तिथि 31 दिसंबर 1982 बतायी जा रही है. इसे लेकर पार्टी के अंदर खाने में भी चर्चा होने लगी है. बता दें कि यूथ कांग्रेस ने चुनाव लड़ने के लिए 7 सितंबर 1985 (18 से 35 वर्ष की उम्र सीमा) को कट ऑफ डेट निर्धारित किया गया था.
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