- बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश को रेमडेसिविर की मिल चुकी है 26,000-26,000 डोज
- अब बढ़ते संक्रमण को देख एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर को बांग्लादेश से आयात करने पर विवश हेमंत सरकार, केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
Ranchi: तो क्या पहले फेज की तरह झारखंड कोरोना संक्रमण के दूसरे लहर में केंद्र से मदद मिलने में उपेक्षित हो रहा है. यह एक बड़ा सवाल है. ऐसा इसलिए क्योंकि हेमंत सोरेन सरकार ने बढ़ते कोरोना मरीजों को देख एंटीवायरल दवा रेमडेसिविर की 76,640 डोज की मांग की थी. लेकिन बदले में पिछले 15 दिनों में झारखंड को केवल 8,038 डोज दवा ही मिल सकी है. वहीं बीजेपी शासित राज्य उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की स्थिति देखें, तो वहां रेमडेसिविर की बेहतर आपूर्ति करायी जा रही है.
उत्तर प्रदेश को पिछले दिनों 25,000 डोज की सप्लाई गुजरात सरकार से मिला है. इसकी जानकारी स्वयं उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय से किए गए ट्वीट से पता चलता है. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि प्रदेश में रेमेडेसिविर इंजेक्शन की 25,000 डोज की त्वरित उपलब्धता के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को स्टेट प्लेन से अहमदाबाद भेजा गया है. जल्द ही यह दवा लखनऊ पहुंच जाएगी.
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा था ``रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति शुरू हो चुकी है. सरकार ने 1 लाख इंजेक्शन मंगाए हैं. 350 वेंटिलेटर भी केंद्र सरकार से जल्द मिलेंगे.
दूसरी तरफ देखा जाए, तो झारखंड में बीते 15 दिनों में कोरोना संक्रमण का प्रसार तेज गति से हुआ है. 3 अप्रैल को राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 873 थी, जो 18 अप्रैल तक बढ़कर 3992 पहुंच गयी है. स्थिति बिगड़ते देख व विवश होकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बांग्लादेश से इस एंटीवायरल दवा के आयात को लेकर केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा को पत्र लिखा है. एक बार फिर राज्य सरकार केंद्र की तरफ नजरें टिका रखी हैं. देखना होगा कि केंद्र इस बार मुख्यमंत्री के पत्र पर कोई सकारात्मक निर्णय लेती है या नहीं.
पहले भी केंद्र पर लगा है भेदभाव का आरोप
ऐसा नहीं है कि झारखंड के साथ भेदभाव का आरोप हम लगा रहे हैं. बीते वर्ष जब कोरोना संक्रमण की पहली लहर काफी तेज थी, तो उस वक्त हेमंत सोरेन ने कई बार भेदभाव का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना काल में लॉकडाउन में ढील देने पर केंद्र सरकार ने राज्यों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है.
जीएसटी बकाया भुगतान में भी दोहरे मापदंड का आरोप हेमंत सोरेन ने केंद्र पर लगाया था. उन्होंने कहा था कि संक्रमण के दौर में भी जीएसटी मद देने में बीजेपी शासित राज्यों पर केंद्र की विशेष कृपा थी. बीजेपी शासित राज्यों के साथ अलग बर्ताव किया जा रहा है, जबकि झारखंड जैसे गैर बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव किया जा रहा है.
सीएम ने केंद्रीय मंत्री को लिखा पत्र
झारखंड की स्थिति जिस तरह से बिगड़ रही है, उसे देखकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बार फिर केंद्र सरकार से मदद की गुहार लगायी है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि अभी संक्रमण से लडाई में सबसे बड़ी समस्या कोरोना के इलाज में इस्तेमाल होने वाली बेहद कारगर रेमडेसिविर दवा की कमी है. इसे देखते हुए राज्य सरकार ने रेमडेसिविर दवा की आपूर्ति के लिए बांग्लादेश की एक दवा कंपनी "बेक्समीको" से संपर्क किया है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय मंत्री को पत्र लिख बांग्लादेश से इस जीवन रक्षक दवा को आयात कराने के लिए अनुमति मांगी है.