Search

आरोप: रांची BAU के एडमिशन में चल रहा करप्शन, EWS कोटे में SC का हुआ चयन

  • Lagatar.in से बातचीत में यूनिवर्सिटी प्रबंधन ने इसे बताया तर्कसंगत, कहा-नहीं हुआ है कोई करप्शन
  • सीएम को बताया गया कि पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन मैरिट पर नहीं बल्कि पैसे के आधार पर दिया जा रहा है.

Ranchi: राज्य के एकमात्र कृषि यूनिवर्सिटी “बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी” में करप्शन का एक मामला प्रकाश में आया है. यूनिवर्सिटी पर आरोप लगा है कि एडमिशन में करप्शन का खेल चल रहा है. करप्शन दो बातों को लेकर है. पहला है कि आरक्षण रोस्टर का पालन नहीं हो रहा है. दूसरा यह कि अच्छे रैंक लाने के बावजूद सामान्य कोटे के छात्र को एडमिशन न देकर कम रैंक लाने वालों को यूनिवर्सिटी में एडमिशन मिला है. चल रहे करप्शन को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई लोगों से शिकायत भी की गयी है.

ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन मैरिट पर नहीं बल्कि पैसे के आधार पर

बिरसा कृषि छात्र संघ (@BAU_Agristudent) पर किये एक ट्वीट में बताया गया है कि यहां पर पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन मैरिट पर नहीं बल्कि पैसे के आधार पर दी जा रही है. एडमिशन में खुलेआम धांधली की जा रही है. यहां ऐसा कर यूनिवर्सिटी प्रबंधन छात्रों के भविष्य के साथ खेलवाड़ कर रहा है.

करप्शन को लेकर दिये जा रहे कई आधार

करप्शन को लेकर छात्रों ने Lagatar.in">http://lagatar.in">Lagatar.in

से बातचीत की और करप्शन के कई तर्क दिये है.

• होर्टिकल्चर विभाग में EWS कोटे का एक सीट जब रिक्त पाया गया, तो उसे SC कोटे की एक महिला छात्र को एडमिशन दे दिया गया. छात्रों का कहना है कि पहले तो यह गलत है. लेकिन अगर एडमिशन दे ही दिया गया, तो SC कोटे में कम रैंक वाले महिला छात्र को को EWS कोटे में एडमिशन कैसे मिला. जबकि SC कोटे में एक छात्रा बेहतर रैंक लायी थी.

• इसी तरह सामान्य कोटे में एक छात्र को अच्छा रैंक मिला था, लेकिन उसे किसी भी विभाग में एडमिशन नहीं मिल पाया. हां, उसकी जगह कम रैंक वाले सामान्य कोटे के छात्रों को जरूर एडमिशन मिला.

प्रबंधन ने बताया तर्कसंगत, कहा नहीं हुआ है कोई करप्शन

करप्शन को लेकर लगे आरोप पर Lagatar.in  ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन से भी पक्ष लिया. प्रबंधन का कहना है कि यह आरोप तथ्यहीन हैं. दरअसल शिक्षा को लेकर आरक्षण नियम में लिखा है कि अगर ST कोटे में अगर कोई पद रिक्त रह जाता है, तो इसे अन्य कोटे से भरा जा सकता है. चाहे वह सामान्य कोटे से ही क्यों नहीं भरा जाए. वहीं जिन छात्रों ने जिस विभाग के लिए अपनी प्राथमिकता दी थी, उसी के आधार पर एडमिशन दिया गया है.

[wpse_comments_template]
Follow us on WhatsApp