Lohardaga: 15 दिवसीय देश व्यापी अभियान के पश्चात शुक्रवार को जिला मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर एक्टू ने आवाज को बुलंद किया. मांगों दमनकारी तीन नए आपराधिक कानून रद्द करने, वैधानिक न्यूनतम मजदूरी 35000 रुपए और पेंशन 1,000 रुपये घोषित करने, न्यूनतम मजदूरी को सख्ती से लागू करने, 12 घंटे कार्य दिवस नहीं, पीएफ की राशि जमा नहीं करने वाले मालिकों को 50 प्रतिशत फाइन के साथ पीएफ की राशि जमा करवाने, खाद्य एवं सामाजिक सुरक्षा मजबूत बनाने, खाद्य समेत सभी आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों एवं बढ़ती बेरोजगारी, छंटनी व बंदी पर लगाम लगाने, सभी रिक्त पदों पर परमानेन्ट बहाली, ठेका, आउटसोर्सिंग प्रथा पर लगाम लगाने, नियमितीकरण, समान काम का समान वेतन व लाभ की गारंटी, मानदेय, प्रोत्साहन भत्ता स्कीम वर्करों को मजदूर की मान्यता, वैधानिक न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी को लेकर प्रदर्शन किया.
इसके अलावा मनरेगा में न्यूनतम 200 दिनों का काम व 600 रुपए प्रतिदिन मजदूरी तथा शहरी रोजगार गारंटी कानून बनाने, बेलगाम निजीकरण पर रोक, एनएमपी (राष्ट्रीय मुद्रीकरण नीति ) तथा नया बिजली बिल और स्मार्ट प्री- पेड बिजली मीटर योजना वापस लेने, नयी पेंशन योजना वापस लेकर पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की मांग को लेकर लोहरदगा जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया गया. जिसका नेतृत्व ऐक्टू के राज्य सचिव महेश कुमार सिंह ने किया. विरोध प्रदर्शन में झारखंड प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ, झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ, झारखंड राज्य स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ, ऐक्टू, मजदूर संगठन तथा किसान यूनियन, आउटसोर्सिंग कर्मचारी संगठन के सदस्य काफी संख्या में शामिल हुए. भारत क्रान्ति दिवस तथा विश्व आदिवासी दिवस का संबोधन ऐक्टू के जिलाध्यक्ष विश्वनाथ प्रसाद गुप्ता, शैलेन्द्र कुमार सुमन, मो0 मुमताज अहमद, मो0 जफर आलम ने तथा अध्यक्षता महेश कुमार सिंह ने किया.
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