Ranchi: भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय के अपर सचिव टीके अनिल कुमार ने शुक्रवार व शनिवार को खूंटी और पलामू जिलों का दो दिवसीय दौरा किया. इस दौरे का उद्देश्य राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) के तहत संचालित योजनाओं और नवाचारों की जमीनी हकीकत को समझना और ग्रामीण क्षेत्रों में महिला समूहों की भागीदारी को परखना था.
अपने दौरे के पहले दिन कुमार खूंटी जिले के तोरपा प्रखंड पहुंचे. जहां उन्होंने झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS) द्वारा संचालित विभिन्न ग्रामीण उद्यमों और आजीविका गतिविधियों का निरीक्षण किया. स्थानीय महिला समूहों द्वारा संचालित सब्जी उत्पादन, टसर रियरिंग, मिनी फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट्स और ग्रामीण बाजारों के प्रबंधन जैसी गतिविधियों में उन्होंने गहरी रुचि दिखाई.
खास तौर पर उन्होंने महिला समूहों द्वारा संचालित परंपरागत कृषि पद्धतियों को नवाचार के साथ जोड़ने के प्रयासों की सराहना की. तोरपा के पेराहात गांव में उन्होंने महिलाओं के साथ खुलकर संवाद किया. उनकी चुनौतियों को जाना और योजनाओं के प्रभाव को समझा.
उन्होंने रड़गु गांव में संचालित LODUS केंद्र का भी दौरा किया. जहां उन्होंने उत्पादन प्रक्रिया, गुणवत्ता नियंत्रण और उत्पाद ब्रांडिंग से जुड़े नवाचारों का अवलोकन किया. कुमार ने खासतौर पर ग्रामीण आजीविका से जुड़ी गतिविधियों में डिजिटल प्लेटफॉर्म, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कोर्स लर्निंग की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया.
अनिल कुमार ने कहा कि इन तकनीकों को अपनाकर हम ग्रामीण समाज को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त कर सकते हैं, बल्कि समावेशी और सतत विकास की ओर भी अग्रसर हो सकते हैं.
दूसरे दिन कुमार ने पलामू जिले के चैनपुर प्रखंड में JSLPS द्वारा संचालित “पलाश उच्च प्रोटीन प्रोसेसिंग सेंटर कटमासाली” का निरीक्षण किया. इस केंद्र में महिला समूहों द्वारा उन्नत पोषणयुक्त खाद्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं.
उन्होंने महिलाओं की उद्यमशीलता की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल न केवल आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे पोषण सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा रही है. इसके बाद वे बिशुनपुर के सिजुआ गांव पहुंचे, जहां उन्होंने सौर ऊर्जा आधारित टसर यार्न रीलिंग सेंटर का अवलोकन किया. इस केंद्र से जुड़ी महिलाओं ने उन्हें बताया कि किस प्रकार यह परियोजना उनके जीवन में स्थायी आजीविका का साधन बनी है.
कुमार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे युवाओं से भी संवाद किया. उन्होंने प्रशिक्षुओं को बधाई दी और कहा कि इस तरह की योजनाएं गांवों में युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं.
दौरे के समापन पर कुमार ने कहा कि ग्रामीण महिलाएं आज केवल योजनाओं की लाभार्थी नहीं, बल्कि बदलाव की वाहक बन चुकी हैं. उनके नेतृत्व में चल रहे ये प्रयास देश को एक मजबूत, सक्षम और आत्मनिर्भर समाज की ओर ले जा रहे हैं.
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