Adityapur (Sanjeev Mehta) : आदित्यपुर की शहरी आबादी को जलापूर्ति और सीतारामपुर क्षेत्र के 7000 किसानों को सिंचाई का लाभ देने के लिए गजिया बराज से मॉडल एरिगेशन के तहत जमीन के एक मीटर नीचे से सीतारामपुर डैम में पाइप लाइन बिछाई जा रही है, ताकि किसानों की जमीन का अधिग्रहण नहीं करना पड़े. सीतारामपुर डैम में पाइप लाइन के जरिये गजिया बराज से पानी पहुंचेगा. इससे सीतारामपुर डैम से होने वाली जलापूर्ति को संबल मिलेगा वहीं किसानों को सिंचाई का लाभ. इस मॉडल एरिगेशन स्कीम में रैयतों को मुआवजा देने का प्रावधान नहीं है. यह बातें खरकई नहर डिवीजन के कार्यपालक अभियंता कुमार अरविंद ने कहीं. बता दें कि एक ओर जहां राइट कैनाल का कार्य युद्ध स्तर पर जारी है, वहीं लेफ्ट कैनाल के तहत जमीन के अंदर से सीतारामपुर डैम लाई जा रही है. पाइप लाइन का कुछ रैयत विरोध कर रहे हैं. फिलहाल फैसला यह हुआ है कि अब मामला ग्रामसभा में पारित होने के बाद ही आगे का कार्य हो सकेगा.
इसे भी पढ़ें : 6.5 तीव्रता वाले भूकंप से अर्जेंटीना की धरती कांपी, चिली में भी महसूस किये गये झटके
क्या है गजिया बराज की स्कीम
स्वर्णरेखा परियोजना का खरकई बराज (गजिया बराज) मुख्य तौर पर ईचा डैम का पार्ट है. इस बराज में ईचा डैम से पानी आना है. इस बराज से ही आदित्यपुर का 395.12 करोड़ रुपए का जलापूर्ति सिस्टम भी संचालित होना है, चूंकि गजिया बराज से ही सीतारामपुर डैम को एग्रीमेंट के मुताबिक प्रति सेकेंड 1.12 घन मीटर पानी मिलना है, जिससे यहां बनने वाली 30 एमलएडी का फिल्ट्रेशन प्लांट का संचालन होना है. इस स्कीम से आदित्यपुर के करीब 3 लाख की आबादी को जलापूर्ति का लाभ आसानी से मिल सकेगा.
इसे भी पढ़ें : चैत्र नवरात्र : मां ब्रह्मचारिणी खुश होने पर तुरंत देती हैं वरदान, चढ़ायें गुड़हल-कमल का फूल और शक्कर
गजिया बराज से मॉडल एरिगेशन की हो रही है शुरुआत
गजिया बराज का लेफ्ट कैनाल जो सीतारामपुर डैम तक आना था, उसके डीपीआर में परिवर्तन कर अंडरग्राउंड पाइप लाइन में परिवर्तित कर लेफ्ट कैनाल को मॉडल एरिगेशन का नाम दिया गया है. सुवर्णरेखा बहुद्देश्यीय परियोजना में पहली बार मॉडल एरिगेशन की शुरुआत हो रही है. इससे कैनाल निर्माण के लिए अब किसानों की जमीन नहीं ली जाएगी. मॉडल एरिगेशन के तहत अंडरग्राउंड पाइप लाइन के जरिए किसानों के खेतों को सिंचित कर उन्हें सालों भर बहुफसली उपज का अवसर मिलेगा. इसकी शुरुआत परियोजना ने गजिया बराज के लेफ्ट कैनाल से कर रही है. मॉडल एरिगेशन के तहत किसानों को अंडरग्राउंड पाइपलाइन से सालों भर पानी मिलेगा. इससे वे बहुफसली कृषि करने लगेंगे. इससे उनकी आमदनी चार गुणा बढ़ जाएगी. पहले गजिया लेफ्ट कैनाल से मात्र 1000 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने का लक्ष्य था, लेकिन सीतारामपुर डैम की ऊंचाई की वजह से खुले कैनाल की योजना को रोक दी गई और अब मॉडल एरिगेशन के तहत अंडरग्राउंड पाइप लाइन से इस क्षेत्र के 25000 हेक्टेयर जमीन को सिंचित करने के साथ पेयजलापूर्ति के लिए सीतारामपुर डैम में पानी भी पहुंचाया जाना है.
इसे भी पढ़ें : भारत में नहीं दिखा चांद, 24 मार्च को होगा रमजान का पहला रोजा
राइट कैनाल से डुमरिया तक 95 किलोमीटर पानी पहुंचाने का है लक्ष्य
बता दें कि ईचा डैम से मिलने वाली पानी से ही गजिया बराज के राइट कैनाल की लंबाई 30 किलोमीटर से बढ़ाकर 95 किलोमीटर तक कर दी गई है. राइट कैनाल को अब मुसाबनी से जादूगोड़ा व भाटिन माइंस से 7 अलग-अलग टनेल का निर्माण कर 65 किलोमीटर दूर डुमरिया तक पानी ले जाने व वहां की जमीन सिंचित करने की योजना बनी है. इस पर 600 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इससे क्षेत्र की ढाई हजार हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी. राइट कैनाल से सुंदरनगर, मुसाबनी, पटमदा आदि के किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलने लगेंगे. इससे उनका वर्षों पुराना सपना सच होगा. लेकिन यह योजना तभी सार्थक होगी जब ईचा डैम का निर्माण पूरा होगा.