- लिटरेचर फेस्टिवल के माध्यम से चलाया मतदाता जागरूकता अभियान
- दो दिन तक होगी साहित्यिक परिचर्चा
- 10 भाषाओं के 42 साहित्यकार, आलोचक और वक्ता ले रहे हैं हिस्सा
: केंद्र सरकार के दबाव में चुनाव आयोग ने की तिथि की घोषणा – रामदास सोरेन उपायुक्त ने कहा कि सरायकेला "द लैंड ऑफ छऊ" के नाम से देश दुनिया में चर्चित हैं. इस लिटरेचर फेस्टिवल का उद्देश्य जिले की गौरवशाली परंपरा को कायम रखने के साथ युवाओं और बच्चों को कला संस्कृति और किताबों से जोड़ना है. साथ ही उन्हें मतदान के प्रति जागरूक भी करना है. लिटरेचर फेस्टिवल आयोजन की रूपरेखा साहित्य कला फाउंडेशन ने तैयार की है. फेस्टिवल में दोनों दिन सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन होगा. इसमें भारतीय फिल्म जगत के मशहूर अभिनेता अखिलेंद्र मिश्रा "स्वामी विवेकानंद का पुनर्पाठ" के नाम से एकल नाटक प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा कवि सम्मेलन का आयोजन होगा. युवा साहित्यकार नीलोत्पल मृणाल और सत्या व्यास नई पीढ़ी को किताबों का महत्व समझाएंगे. वरिष्ठ स्तंभकार पुष्पेश पंत और हिंदी के चर्चित साहित्यकार उदय प्रकाश महोत्सव में शामिल हो रहे हैं. कार्यक्रम में संताली, हो सहित दूसरी जनजातीय भाषाओं, उड़िया, बांग्ला, अंग्रेजी, उर्दू, हिंदी, मैथिली, भोजपुरी जैसी भाषाओं में मौजूदा समय में लिखी जा रही रचनाओं पर बात होगी. इसमें कोल्हान प्रमंडल के शिक्षा जगत, साहित्य जगत के साथ-साथ सामाजिक, सांस्कृतिक संगठन के लोग आमंत्रित किए गए हैं. इसे भी पढ़ें : Baharagoda">https://lagatar.in/baharagoda-former-mlas-wife-participated-in-lakshmi-and-mansa-puja/">Baharagoda
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