जमीन कुर्क करने से पहले आयकर विभाग ने सब-रजिस्ट्रार कार्यालय से जमीन का ब्योरा मांगा. सब-रजिस्ट्रार कार्यालय ने आयकर विभाग को इस बात की जानकारी दी कि शीतल प्रसाद ने 23 फरवरी 2013 को ओरमांझी निवासी जैबुन्निसा से यह जमीन से खरीदी थी. जैबुन्निसा से जमीन की बिक्री के लिए शशिभूषण कुमार को पावर ऑफ अटॉर्नी दिया था. शशि भूषण कोकर चूना भट्ठा का रहने वाला है.इसके बाद आयकर विभाग ने नामकुल अंचल अधिकारी को जमीन का सीमांकन करने का अनुरोध किया. अंचल कार्यालय ने जमीन की सीमांकन करने के बाद आयकर विभाग को अपनी रिपोर्ट दी. इसमें इस बात की भी जानकारी दी गयी कि शीतल प्रसाद के नाम पर संबंधित जमीन का म्यूटेशन किया जा चुका है. [caption id="attachment_1041986" align="aligncenter" width="272"]
alt="" width="272" height="194" /> शीतल प्रसाद ने नाम जारी लगान रसीद.[/caption] अंचल कार्यालय से मिली सूचना के बाद आयकर विभाग ने जमीन की नीलामी के लिए 22 जून 2023 के समाचार पत्रों में सूचना प्रकाशित किया. ISKCON ने नीलामी में हिस्सा लिया और सबसे ज्यादा 1.49 करोड़ रुपये की बोली लगायी. ISKCON ने निर्धारित समय सीमा में आयकर विभाग विभाग को 1.49 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया.
आयकर विभाग द्वारा सेल सर्टिफिकेट और जमीन से संबंधित दस्तावेज मिलने के बाद ISKCON ने नामकुम अंचल ने नीलामी में खरीदी गयी जमीन के म्यूटेशन के लिए आवेदन दिया. हालांकि नामकुम अंचल ने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी के पत्र का हवाला देते हुए ISKCON के म्यूटेशन आवेदन को रद्द कर दिया. इसमें यह कहा गया कि हटिया डैम के लिए इस जमीन का अधिग्रहण केस नंबर 46/1956-60 के सहारे किया जा चुका है. इसलिए इस जमीन की खरीद बिक्री नहीं की जा सकती है. डैम के लिए अधिगृहित जमीन का म्यूटेशन ISKCON के नाम पर नहीं किया जा सकता है.म्यूटेशन रद्द होने के बाद ISKCON ने आयकर विभाग से 1.49 करोड़ वापस मांगा. पैसा नहीं मिलने के बाद ISKCON ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जमीन के बदले आयकर विभाग को दी गयी रकम वापस कराने की मांग की है. आज ही इस मामले की सुनवाई होने की संभावना है.