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रिपोर्ट : महामारी के बाद भारतीय लोग आपात स्थिति से निपटने की स्थिति में नहीं, 27 फीसदी के पास ही है पर्याप्‍त फंड

LagatarDesk :  फाइनेंशियल एजुकेशन फर्म फिनसेफ इंडिया के सर्वे में आश्यर्चजनक बात सामने आयी है. सर्वे में पता चला है कि महामारी के बाद भारतीयों को मेडिकल इमरजेंसी (Medical Emergency) और नौकरी छूटने जैसी आपात स्थिति से निपटने की स्थिति में नहीं हैं. महामारी के बाद नौकरीपेशा वालों के लिए वित्तीय लक्ष्यों की योजना करना सबसे बड़ी चुनौती है. अधिकतर नौकरीपेशा भारतीयों के पास पर्याप्‍त इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) और इंश्‍योरेंस नहीं है. सही फाइनेंशियल प्‍लानिंग न करना और सही जगह निवेश न करना इसका सबसे बड़ा कारण है. (पढ़े, इलाज">https://lagatar.in/the-doctor-who-went-for-treatment-became-a-victim-of-grabber-marriage-the-video-clip-revealed/">इलाज

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नौकरी छूटने के बाद खर्चे चलाने के लिए नहीं हैं पर्याप्‍त पैसे

फिनसेफ इंडिया के इस सर्वे में 5,769 वेतनभोगी कर्मचारियों को शामिल किया गया था. सर्वे के अनुसार, 27 फीसदी लोगों के पास ही मेडिकल इमरजेंसी या फिर नौकरी छूटने जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्‍त फंड और इंश्‍योरेंस है. 45 फीसदी लोगों ने माना कि अगर उनकी नौकरी अचानक छूट जाती है तो अपने खर्चे चलाने के लिए उनके पास पर्याप्‍त पैसे नहीं हैं. इसे भी पढ़े :  खाड़ी">https://lagatar.in/gulf-country-kuwait-needs-cow-dung-for-date-palm-cultivation-india-sent-192-metric-tons/">खाड़ी

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52 फीसदी लोग मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर हैं निर्भर

सर्वे में शामिल 29 फीसदी लोगों का मानना है कि वो अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है. वहीं 52 फीसदी लोगों का कहना है कि मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पर निर्भर है. जबकि 21 फीसदी लोग मेडिकल इमरजेंसी का सामना करने के लिए आर्थिक रूप से बिल्‍कुल भी तैयार नहीं हैं. इसे भी पढ़े : चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-wild-elephants-are-being-driven-away-from-gudabanda-how-to-reach-odisha/">चाकुलिया

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56 फीसदी लोगों को फाइनेंशियल प्‍लानिंग लगती है कठिन

सर्वे में शामिल 56 फीसदी लोगों का मानना है कि फाइनेंशियल प्‍लानिंग काफी कठिन काम है. हालांकि सर्वे में शामिल 71 फीसदी लोग फाइनेंशियल प्‍लानिंग, म्‍यूचुअल फंड और टैक्‍सेशन के बारे में जानना और सीखना चाहते हैं.  सर्वे से पता चला है कि फाइनेंशियल प्‍लानिंग (Financial Planning) अधिकतर लोगों की प्राथमिकता में ही शामिल नहीं है. इसे भी पढ़े :इंतजार">https://lagatar.in/wait-over-trailer-release-of-film-brahmastra-ranbir-alia-seen-fighting-evil-forces/">इंतजार

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लोगों की पहली पसंद फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट

निवेश के लिए लोगों की पहली पसंद अभी भी फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और इंश्‍योरेंस ही है.  सर्वे की मानें तो 41 फीसदी लोग इक्विटी शेयर में निवेश करते हैं. वहीं 35 फीसदी लोगों का भरोसा फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट और इंश्‍योरेंस पॉलिसी पर है. बता दें कि आरबीआई ने वार्षिक रिपोर्ट 2022 जारी की थी. जिसमें इस बात का जिक्र था कि अब भी ज्‍यादातर भारतीय‍ फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट में निवेश करते हैं. जबकि केवल 0.5 फीसदी ही इक्विटी में निवेश करते हैं.

लोगों को निवेश करने की नहीं है जानकारी

फिनसेफ इंडिया के फाउंडर मरीन अग्रवाल ने कहा कि लोगों के आर्थिक लक्ष्‍यों का पूरा न होने का सबसे बड़ा कारण गलत निवेश है. अधिकतर लोगों को अपने आर्थिक लक्ष्‍यों की पूर्ति के लिए कहां निवेश करना चाहिए, इसक जानकारी ही नहीं है. अग्रवाल का कहना है कि एफडी में न तो टैक्‍स छूट मिलती है और न ही यह महंगाई से निपटने में सक्षम है. इसे भी पढ़े : क्या">https://lagatar.in/what-is-the-pfi-organization-whose-name-is-coming-in-inciting-violence-in-ranchi-and-lohardaga/">क्या

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