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6 साल से इंसाफ के लिए भटक रहे नन बैंकिंग कंपनियों के एजेंट

  • फिर भेजेंगे राज्य के 14 सांसदों, 81 विधायकों को रिमाइंडर लेटर
  • 23 मई 2015 को हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
  • कई एजेंट तनाव और निवेशकों के दबाव में आकर कर चुके हैं खुदकुशी
Ranchi: झारखंड">https://en.wikipedia.org/wiki/Jharkhand">झारखंड

में दर्जनों नन बैंकिंग कंपनियों के एजेंट 6 साल से इंसाफ के लिए भटक रहे हैं. मुख्यमंत्री से लेकर राज्य के सभी 81 विधायकों और सांसदों से गुहार लगाने के बाद भी इन्हें कोई मदद नहीं मिली है. 25000 करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला कर चिटफंड कंपनियां राज्य के करीब 3000 लोगों का पैसे लेकर भाग गई. इन कंपनियों के भागने के बाद लोगों से निवेश कराने वाले एजेंट बुरी तरह फंस गये. कई एजेंटों पर केस हुए, गिरफ्तारियां हुईं. 6 सालों में कोडरमा, दुमका और धनबाद समेत कई जगहों पर नन बैंकिंग कंपनियों के एजेंट ने तनाव और दबाव में आकर खुदकुशी कर ली है. हाईकोर्ट के दखल के बाद 23 मई 2015 को न मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. 120 मामलों पर सीबीआई ने जांच शुरू की, फिर धीरे-धीरे झारखंड पुलिस से भी नन बैंकिंग कंपनियों के घोटाले के 215 मामले सीबीआई को सौंपी गई, लेकिन अबतक एजेंटों को राहत नहीं मिली है. इसे भी पढ़ें : हजारीबाग:">https://english.lagatar.in/hazaribagh-police-seized-96-packets-of-cannabis-from-car-but-smuggler-escaped/45857/">हजारीबाग:

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कंपनी के अधिकारियों की संपत्ति जब्त कर निवेशकों को दिए जाएं

चिटफंड कंपनियां बंद होने के बाद एजेंटों की हालत बेहद खराब हो गई है. एक तो उनका रोजगार छिन गया. ऊपर से निवेशकों के पैसे लौटाने का दबाव भी बना हुआ है. एजेंटों की मांग है कि नन बैंकिंग कंपनियों से पीडि़त निवेशकों के लिए राहत कोष बनाया जाए और सभी नन बैंकिंग कंपनियों के डायरेक्टर और चेयरमैन की संपत्ति जब्त कर निवेशकों के पैसे वापस किए जाएं. नन बैंकिंग एजेंटों की गिरफ्तारी बंद हो और उन्हें रोजगार मिले.

मुख्यमंत्री ने दिया था हर साल निवेशकों के डूबे पैसे लौटाने का आश्वासन

इसी मामले को लेकर नन बैंकिंग अभिकर्ता और निवेशक सुरक्षा समिति के केंद्रीय अध्यक्ष जावेद अख्तर ने कहा कि एक बार फिर मुख्यमंत्री समेत राज्य के सभी सांसदों और विधायकों को रिमाइंडर लेटर भेजकर न्याय दिलाने की गुहार लगाई जाएगी. उन्होंने कहा कि पूर्व सीएम रघुवर दास ने आश्वासन दिया था कि हर साल सभी निवेशकों का पैसा वापस लौटाया जाएगा, लेकिन यह उम्मीद भी टूट गई. उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाती है तो समिति आंदोलन शुरू करेगी.

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