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2020 में भी उठाया था मामला
लंबोदर महतो ने इस मुद्दे को 15 मार्च 2020 को भी उठाया था. उस समय सरकार की ओर से जवाब मिला था कि विनोद यादव की आश्रित अंजू देवी की दफ्तरी के पद पर नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. साथ ही जवाब में कहा गया था कि 15 दिनों के अंदर दो लाख मुआवजे का भुगतान भी कर दिया जाएगा. लेकिन इसके भी 1 साल बीत गये और अभी तक कुछ नहीं हुआ. लंबोदर महतो ने कहा कि यह उनका सांकेतिक प्रदर्शन है, अगर सरकार इसपर जल्दी कोई कार्रवाई नहीं करती है तो आगे और कड़ा विरोध करेंगे. हालांकि सदन शुरू होने के बाद स्पीकर ने मंत्री चंपई सोरेन और विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण को उन्हें लाने का निर्देश दिया और उन्हें सदन में लाया गया. इसे भी पढ़ें - हाइकोर्ट">https://lagatar.in/high-court-imposes-fine-of-25-thousand-on-ecl-case-related-to-payment-of-arrears/39436/">हाइकोर्टने ECL पर लगाया 25 हजार का जुर्माना,बकाया भुगतान से जुड़ा है मामला
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