Kolkata: प. बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व अभी से ही राज्य में अपनी ताकत झोंकने में लगातार जुट गयी है. इसी क्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के ‘चाणक्य’ दो दिनों के दौरे पर प. बंगाल पहुंचे हैं. बंगाल दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत शाह ने दक्षिणेश्वर काली मां मंदिर में दर्शन करके मां का आशीर्वाद लिया.शाह ने कहा कि हिंदुओं में अगड़े-पिछड़े की राजनीति खत्म करने और एकजुट होकर ममता सरकार के खिलाफ वोट करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि 200 से ज्यादा सीटों के साथ बंगाल में बीजेपी की सरकार बनाने जा रही है.
मां काली का दर्शन और हिंदू मतदाताओं को दिया संदेश
शुक्रवार को दौरे के दूसरे दिन की शुरुआत अमित शाह ने दक्षिणेश्वर काली मंदिर में माथा टेक कर की. उन्होंने यहां मां काली के दर्शन किए. यहां स्वामी विवेकानंद के गुरु परमहंस ने आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की थी. परमहंस हिंदू नवजागरण के प्रमुख सूत्रधारों में से एक माने जाते हैं. 2015 में पीएम मोदी ने भी यहां दर्शन किए थे. अमित शाह ने इस मौके पर चैतन्य महाप्रभु, रामकृष्ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद और अरबिंदो का जिक्र किया. उन्होंने ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि बंगाल आध्यात्मिक चेतना का केंद्र रहा है, लेकिन आज तुष्टिकरण चरम पर है.
मतुआ समुदाय के घर भोजन कर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास
अमित शाह दक्षिणेश्वर काली मंदिर में पूजा-आराधना के बाद मतुआ समुदाय के मंदिर में जाकर और उनके बीच बैठकर भोजन कर मतदाताओं को रिझाने का प्रयास किया. मतुआ पश्चिम बंगाल में एससी आबादी का दूसरा सबसे बड़ा हिस्सा है. बंगाल में मतुआ समुदाय के लगभग 72 लाख लोग निवास करते हैं और आठ से 10 विधानसभा सीटों पर उनका प्रभाव है. बंगाल की पौने दो करोड़ की एससी आबादी में 33 लाख नमोशूद्र है जिसका एक बड़ा हिस्सा मतुआ हैं.
अमित शाह इससे पहले दुर्गा पूजा के मौके पर बंगाल दौरे की तैयारी में थे लेकिन स्वास्थ्य के चलते उनका यह दौरा रद्द हो गया. तब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सिलीगुड़ी दौरे पर आए थे. चुनाव से पहले बीजेपी की कोशिश बंगालियों की भावनाओं को जोड़ने की है
बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि के साथ आदिवासी कल्याण पर जोर
दौरे के पहले दिन शाह ने आदिवासी कल्याण पर जोर दिया. अमित शाह के दौरे में दलितों को अपने पाले में करने की पुरजोर कोशिश हुई. दौरे की शुरुआत बांकुरा में अमित शाह ने बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि अर्पित करके की. उन्होंने दोपहर का लंच बांकुरा के चतुर डींग में किया. अमित शाह के लंच के लिए यहां मिट्टी के चूल्हे और बर्तन बनाए गए थे शाह ने ‘सोनार बांग्ला’ का किया वादा
अमित शाह ने देश की सुरक्षा को बंगाल की आंतरिक सुरक्षा से जोड़ते हुए बीजेपी को मौका देने की बात कही. अमित शाह ने कहा, देश की सुरक्षा बंगाल के आंतरिक सुरक्षा के साथ जुड़ी है. देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बंगाल के युवाओं को रोजगार देने के लिए, बंगाल के गरीबों को बाहर निकालने के लिए, एक मौका बीजेपी को दीजिए हम आने वाले दिनों में यहां सोनार बांग्ला की रचना करेंगे.
मृत भाजपा कार्यकर्ता के परिजन से मिले शाह
पिछले दिनों बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्याओं को भी अमित शाह ने अपने दौरे में भुनाया. कोलकाता पहुंचते ही उन्होंने पिछले महीने पुलिस कस्टडी में मारे गए बीजेपी कार्यकर्ता के परिजनों से मुलाकात की. इसके बाद गुरुवार की रात कोलकाता में पार्टी पदाधिकारियों और सांसदों के साथ बंद कैमरे में बैठक की.
इस बैठक में पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय के अलावा राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिव प्रकाश, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और बीजेपी के सभी सांसद मौजूद थे. पार्टी इस बार के चुनाव में बंगाल में कमल खिलाने का सुनहरा मौका मान रही है.
ममता ने लगाया केंद्र पर धमकाने का आरोप
बीजेपी की बंगाल जीतने की रणनीति से ममता खेमे की टेंशन बढ़ गई है. ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर धमकाने का आरोप लगाया. ममता ने अपने बयान में कहा, हम लोग जैसे केंद्र के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं, वैसे ही केंद्र सरकार भी संविधान के मुताबिक, हमारे कामों में हस्तक्षेप नहीं कर सकते. लेकिन पिछले कुछ दिनों से हमें खबर मिल रही है कि राज्य सरकार को बिना सूचना दिए अलग-अलग एजेंसियां अलग-अलग जगहों पर अलग तरह के लोगों को तकलीफ दे रही हैं.
अभिषेक का पलटवार, वास्तविक मुद्दों पर क्यों बात नहीं कर रहे हैं शाह
तृणमूल कांग्रेस के सांसद व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी ने पलटवार किया है. अभिषेक ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दलितों और पिछड़ी जातियों से जुड़े लोगों पर होने वाले अत्याचार की बात किसी से अब छिपी नहीं है. वहां भाजपा की सरकार है.
अभिषेक ने कहा कि हाथरस में एक दलित युवती से कथित सामूहिक दुष्कर्म और उसकी मौत की घटना को लोग भूले नहीं हैं तृणमूल नेता ने कहा कि आदिवासी परिवार के घर पर भोजन करने की बजाय शाह दलितों, आदिवासी और पिछड़ी जातियों से जुड़े लोगों की समस्याओं के समाधान और वास्तविक मुद्दों को लेकर बातें क्यों नहीं कर रहे हैं? कई सवाल ऐसे हैं, जिसका जवाब जनता जानना चाहती है.