चिनाब ब्रिज उद्घाटन को लेकर कांग्रेस का पीएम मोदी पर हल्ला बोल, कहा, श्रेय लेने में रहते हैं आगे

New Delhi :  प्रधानमंत्री मोदी  ने आज शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लाइन (यूएसबीआरएल) से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन किया. उन्होंने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया. साथ ही वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई.

 

  
कांग्रेस ने पीएम मोदी द्वारा श्रेय लिये जाने पर करारा हमला बोला है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश कहा कि  USBRL भी ब्रह्मोस की तरह शासन में निरंतरता (continuity in governance) का एक शानदार उदाहरण है. जिसे पीएम कभी स्वीकार नहीं करते, लेकिन जिससे बच भी नहीं सकते

 

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यूएसबीआरएल योजना को पहली बार मार्च 1995 में मंजूरी प्रदान की गयी थी, जब पीवी नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे.उन्होंने कहा कि मार्च 2002 में जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे तब इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया था. 

 

जयराम रमेश ने कांग्रेस के कामों को गिनाते हुए कहा कि 13 अप्रैल 2005 को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जम्मू-उधमपुर के बीच 53 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन किया. 11 अक्टूबर 2008 को श्रीनगर के बाहर अनंतनाग और मझोम के बीच 66 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन किया. 14 फरवरी 2009 को प्रधानमंत्री सिंह ने श्रीनगर के बाहर मझोम और बारामूला के बीच 31 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन किया था.

 

जयराम रमेश ने आगे कहा कि 29 अक्टूबर 2009 को  मनमोहन सिंह ने अनंतनाग और काजीगुंड के बीच 18 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग का उद्घाटन किया, 26 जून 2013 को  काजीगुंड से बनिहाल तक 11 किलोमीटर लंबे रेल संपर्क का उद्घाटन किया था. रमेश ने साफ किया कि  26 जून 2013 तक बारामूला और काजीगुंड के बीच 135 किलोमीटर रेल संपर्क शुरू हो गया था.

 

जयराम रमेश के अनुसार उधमपुर और कटरा के बीच 25 किलोमीटर रेल संपर्क का उद्घाटन 2014 में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता के कारण स्थगित करना पड़ा था और   इसका उद्घाटन नये प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभालने के 39 दिन बाद चार जुलाई 2014 को किया.

 

उन्होंने याद दिलाया कि 2014 से अब तक 2025 तक 111 किलोमीटर लंबे कटरा-बनिहाल खंड का काम पूरा हो चुका है, जिसके लिए प्रमुख अनुबंध बहुत पहले दिये जा चुके थे.

 

जयराम रमेश ने उदाहरण दिया कि चिनाब पुल के लिए ठेके 2005 में ही कोंकण रेलवे कॉरपोरेशन, एफकॉन्स, वीएसके इंडिया और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग लिमिटेड को दिये जा चुके थे.