Ranchi/New Delhi: विश्व सिकल सेल दिवस के मौके पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने उनमुक्त मोबाइल मेडिकल वैन सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. यह मेडिकल वैन सेवा झारखंड के खूंटी और छत्तीसगढ़ के कांकेर में समुदाय आधारित स्क्रीनिक, सिकल सेल बीमारी की जागरुकता और रेफरल की दिशा में काम करेगा.
क्या है सिकल सेल
सिकल सेल रोग लाल रक्त कोशिकाओं की एक प्रमुख वंशानुगत असमान्यता है, जिसमें इन लाल रक्त कोशिकाओं का आकार अर्धचंद्र (सिकल) के जैसा हो जाता है. ये असामान्य आकार की लाल रक्त कोशिकाएं कठोर और चिपचिपी हो जाती हैं और रक्त वाहिकाओं में फंस जाती है, जिससे शरीर के कई हिस्सों में रक्त और ऑक्सीजन का प्रवाह कम हो जाता है या रुक जाता है. सिकल सेल के लक्षणों में गंभीर एनीमिया, दर्द के प्रकरण, चक्कर आना, अंग क्षति, गंभीर संक्रमण, स्ट्रोक, सिरदर्द, जोड़ों की समस्याएं और हृदय की समस्याएं शामिल हैं.
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2009 से मनाया जा रहा है विश्व सिकल सेल दिवस
हर साल 19 जून को विश्व सिकल सेल दिवस मनाया जाता है. संयुक्त राष्ट्र संघ महासभा में आधिकारिक तौर पर वर्ष 2008 में घोषणा हुई थी कि हर साल 19 जून को सिकल सेल दिवस के रूप में मनाया जाएगा. यह दिन सिकल सेल रोग, इसके उपचार के उपायों के बारे में जागरुकता बढ़ाने और दुनिया भर में इस रोग पर प्रभावी नियंत्रण पाने के लिए मनाया जाता है. पहला सिकल सेल दिवस 2009 में मनाया गया था.