Ranchi : पूर्वी सिंहभूम के गुड़ाबांदा प्रखंड के एक शख्स के पेट में घुस गया तीर. उसकी हालत बिगड़ने पर उसे जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल लाया गया. वहां से उसे राजधानी रांची के रिम्स रेफर किया गया. यहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसके पेट से तीर निकाला और उसकी जान बचा ली. इस शख्स का नाम है लखन सोरेन. वह मानसिक रूप से भी बीमार है. उसने खुद ही अपने पेट में तीर घोंप लिया. तीर टूट कर उसके पेट के अंदर फंस गया. फिर उसकी हालत गंभीर होती चली गई. उसके परिजन घबरा गए. पहले उसे टाटा के एमजीएम अस्पताल लेकर गए. वहां के डॉक्टरों ने फौरन उसे रिम्स के लिए रेफर कर दिया. रिम्स में डॉ शीतल मलुआ की निगरानी में उसका इलाज हुआ. उसका ऑपरेशन किया गया और तीर निकाला गया.
डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद मरीज की स्थिति खतरे से बाहर है. ऑपरेशन के दौरान मौजूद रेसिडेंट डॉक्टर नारायण ने बताया कि तीर ऐसा अंदर गया था कि किसी भी अंग को डैमेज नहीं हुआ, अन्यथा स्थिति बहुत खतरनाक हो सकती थी. उन्होंने बताया कि रिम्स वे डेढ़ बजे पहुंचे थे, उनका पल्स नहीं मिल रहा था. डॉक्टरों ने काफी प्रयास कर पल्स वापस पाया. सुबह डॉ शीतल मलुआ ने देखने के बाद बताया कि इमरजेंसी में ऑपरेशन की आवश्यकता है, जिसके बाद तत्काल ऑपरेशन किया गया.
शुक्रवार की सुबह आठ बजे तीर घोंप लिया था शख्स ने
परिजन बताया कि उन्होंने शुक्रवार की सुबह 8 बजे पेट में तीर घोंप लिया था. वह अचानक से दौड़ने लगे और कहने लगे कि अब हम खुद को मार लेंगे और तीर से खुद पर वार कर लिया. इसके बाद तत्काल उन्हें लेकर बहरागोड़ा के सीएचसी पहुंचे, जहां फर्स्ट एड करने के बाद तत्काल एमजीएम रेफर कर दिया गया. एमजीएम से रिम्स भेजा गया.
ऑपरेशन में ये थे मौजूद
ऑपरेशन सर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ शीतल मलुआ की निगरानी में किया गया. इनके अलावा डॉ कृष्णा मुरारी, डॉ जेनिथ हर्ष केरकेटा, डॉ प्रीतम, डॉ पीयूष, डॉ अज्जू, डॉ तुषार, डॉ शायमा, डॉ सब्यसाची, डॉ गगन और एनेस्थीसिया विभाग से डॉ नव्या और डॉ पीयू शामिल थे.
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