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बैंकों ने कर ली 8500 करोड़ की वसूली और लुट गया मीडिल क्लास

  • SBI ने 2019-20 में मिनिमम बैलेंस पेनल्टी से 640 करोड़ रुपये कमाए थे, लेकिन 2020 से इस नियम को खत्म कर दिया, जिसके बाद SBI ने ऐसी पेनल्टी वसूलना बंद कर दिया.
  • अन्य सरकारी बैंकों की मिनिमम बैलेंस पेनल्टी में पिछले 5 सालों में 38% की वृद्धि हुई.
  • हाल में कई सरकारी बैंक SBI, केनरा बैंक, इंडियन बैंक, और पंजाब नेशनल बैंक ने मिनिमम बैलेंस पर पेनल्टी हटा दी है.

पिछले हफ्ते आपने एक खबर जरुर पढ़ी होगी. खबर थी- पिछले 5 सालों (2019-20 से 2023-24) में बैंकों ने 8500 करोड़ रुपये की कमाई कर ली. दूसरे भाषा में कहें कि बैंकों ने 8500 करोड़ रुपये की वसूली कर ली. यह जानकारी केंद्र सरकार ने संसद में दी है.

वसूली किससे हुई ? 

बैंकों के खाताधारकों से. 

क्यों की वसूली ?

मिनिमम बैलेंस नहीं रहने के कारण.

किस रुप में की वसूली?

पेनाल्टी के रुप में.

लूटा कौन ?

मीडिल क्लास. क्योंकि अमीरों के खाते में पैसे की कमी नहीं. गरीबों के जनधन खातों में मिनिमम बैलेंस का नियम लगता नहीं. बचा मीडिल क्लास. उसके पास अक्सर पैसे की किल्लत होती है. खाते में बैलेंस कम हो जाता है. और बैंक पेनाल्टी काट लेता है. 

वसूली के आंकड़े (2023-24)

पंजाब नेशनल बैंक (PNB)  633 करोड़ रुपये
बैंक ऑफ बड़ौदा 
387 करोड़ रुपये
इंडियन बैंक 
369 करोड़ रुपये
केनरा बैंक 
284 करोड़ रुपये
बैंक ऑफ इंडिया 
194 करोड़ रुपये

 

अब यह जानना जरुरी है कि खाताधारकों ने अगर मिनिमम बैलेंस से अधिक राशि खाते में रखा तो बैंकों ने क्या दिया. बैंकों ने दिया, सिर्फ 3 से 4 प्रतिशत का इंटरेस्ट (ब्याज).

बचत खाता पर वर्षवार ब्याज दर

2019-20  3.5% से 4.0%
2020-21 
3.0% से 3.5%
2021-22 
2.7% से 3.0%
2022-23 
2.7% से 3.0%  
2023-24 
2.7% से 3.5%
2024-25 
2.7% से 3.0%

 

... और महंगाई कितनी बढ़ी

भारत में पिछले 5 सालों की महंगाई दर बहुत अधिक रहा है. हालांकि जून 2025 में खुदरा महंगाई दर 2.10 प्रतिशत थी. यह पिछले छह सालों में सबसे कम है. इससे पहले के 5 सालों में औसत महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रहा है. 

महंगाई दर का वर्षवार आंकड़ा

2019-20  4.8%  
2020-21 
6.2%
2021-22 
5.5%  
2022-23 
6.7%
2023-24 
5.4% 

बैंक में पैसा रखने पर मिलने वाले ब्याज और महंगाई दर के आंकड़े की तूलना करें तो महंगाई दर काफी अधिक है. इसका मतलब यह होता है कि बैंकों में रखा आपका पैसा असल में कम हो गया. बैंकों ने खाताधारकों को उतना ब्याज भी नहीं दिया, जितनी की महंगाई बढ़ी. लेकिन जैसे ही खाते में थोड़े पैसे कम पड़े, बैंकों ने मिनिमम बैलेंस पेनाल्टी के नाम पर हमसे जुर्माना वसूल लिया. 

अमीरों व गरीबों को मिनिमम बैलेंस की चिंता नहीं और मीडिल क्लास लूट गया. पिछले 10 सालों से सिकुड़ता मीडिल क्लास थोड़ा और कम हो गया. इक्के-दुक्के अमीर बन गए और अधिकांश गरीबों की श्रेणी में आ गए. दरअसल, यही अमृत काल है. 

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