Ranchi: कोरोना वायरस का सबसे नया वेरिएंट ओमिक्रॉन भारत के दरवाजे पर दस्तक दे चुका है. लेकिन न तो सरकारें परेशान दिख रही हैं और ना ही जनता. सबको शायद लग रहा है कि यह वेरिएंट गरजता तो बहुत है मगर बरसता नहीं है. लेकिन झारखंड में जिस तरह से कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है ये आने वाले दिनों में और खतरनाक साबित होगा ऐसा विशेषज्ञों की चेतावनी है.
बीते 24 घंटे के दौरान राज्य में 2681 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. संक्रमितों की संख्या बढ़कर 7681 पहुंच गयी है. राज्य में कोरोना के 7 दिन का डबलिंग रेट राष्ट्रीय औसत से ज्यादा हो गया है. डबलिंग रेट का राष्ट्रीय औसत 1224.79 प्रति दिन है. जबकि झारखंड का डबलिंग रेट का औसत 232.88 दिन है.
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दो दिन में 74 फीसदी के करीब बढ़ी संक्रमितों की संख्या
01 जनवरी को राज्यभर में कोरोना के एक्टिव केस की संख्या 2002 थी. वहीं 04 जनवरी को राज्य में सक्रिय मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 7681 पहुंच गया. यानी कि 2 दिन में 74 फीसदी के करीब मरीजों की संख्या बढ़ी है. जबकि झारखंड का मृत्यु दर भी राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. राष्ट्रीय औसत 1.38 प्रतिशत है, वहीं झारखंड के मृत्यु दर का औसत 1.43 प्रतिशत है.
ऐसे समझें क्या है 7 डे डबलिंग रेट
सीधे शब्दों में कहें तो किसी संक्रामक रोग या महामारी के दोगुने होने की दर को कुल मामलों की संख्या के दोगुने होने में लगने वाले समय के रूप में संदर्भित किया जाता है. इसे डबलिंग रेट के नाम से जाना जाता है.
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