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सावधान ! कहीं आपके घर में तो नहीं बड़ी हो रही कोई शर्मिष्ठा

Surjit Singh

 

नाम है शर्मिष्टा. उम्र सिर्फ 22 साल. शिक्षा-लॉ यानी कानून की पढ़ाई. कानून की नजर में सही क्या है, गलत क्या है, इसका उसे फर्क पता था और है. चर्चा में क्यों है? रील में गाली-गलौज करने की वजह से. धर्म के नाम पर आपत्तिजनक रील बनाने पर गिरफ्तारी. यानी सोशल मीडिया पोस्ट की वजह से.

 

शर्मिष्ठा का प्रसिद्ध (फेमस, पोपुलर, इंफ्लूएंसर आदि) होना और गिरफ्तार होने तक के कई पहलू हैं. सामने जो दिख रहा है कि वह यह कि शर्मिष्ठा ने गलती की, कानून तोड़ा, फरार हुई, अदालत ने वारंट जारी किया, जिस कारण उसे गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया है.

 

उसके माता-पिता हक्के-बक्के से बदहवास में हैं और उसे छुड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. ध्यान रहे, शर्मिष्ठा के साथ यह सब तब भी हुआ, जब उसने अपने सोशल मीडिया पोस्ट (रील) के लिए माफी भी मांग ली.

 

अब समझिए, उस सबसे महत्वपूर्ण पहलू को. तकरीबन हर घर में, पड़ोस में, रिश्ते में आपको ऐसे युवक-युवतियां, कई बार तो अधेड़ महिलाएं व बच्चे-बुजुर्ग भी, मिल जाएंगे, जो इन दिनों सोशल मीडिया पर फेमस होना चाह रहे हैं. इंस्टाग्राम, फेसबुक, ट्विटर (एक्स),  व्हाट्सएप पर रील बनाकर शेयर कर रहे हैं और जल्द से जल्द फेमस होना चाह रहे हैं. 

 

यह सब इन सबके बीच हो रहा है, जहां नफरत का माहौल बनाया जा रहा है. हर विषय को धार्मिक नजरिये से देखने के लिए लोगों को माइंड वाश किया जा रहा है, ऐसे में लोगों का इस सबसे बचना कितना मुश्किल होता जा रहा है.

 

फेमस होने का रास्ता तीन चरणों में गुजरता है. नफरत, हुल्लड़पन और सेक्स. तीनों ही खूब बिकते हैं और कुछ लोग फेमस हो जाते हैं. रील को रीच की मंजिल मिल जाती है और वह इंसान अचानक से स्टार बन कर लोगों के लिए स्टेटमैन बन जाता है.

 

शर्मिष्ठा के मामले में अगर आप उसके सोशल मीडिया अकाउंट को देखें, तो पता चलेगा कि वह क्या कर रही थी. उसकी भाषा गाली-गलौज वाली है. उसके शब्द नफरत भरे हैं. उसकी बातों में ना भाषा थी, ना संयम और ना ही संतुलन. गाली-गलौज को ही उसने अपनी खूबी के रूप में परोसना जारी रखा. 

 

समझना आपको है, देखना आपको है, क्या ऐसी ही कोई शर्मिष्ठा आपके घर में, पड़ोस में या रिश्तेदारी में तो नहीं बड़ी हो रही है. जो हर जगह मोबाइल कैमरा को ऑन किए फिर रही है. जो उदंड, गालीबाज और नफरत से भरी रील बनाने में मशगूल है. जरूरत है, ऐसे लोगों को रोकने की.

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