Kolkata : पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने राज्य के एक मंत्री की ओर से ओड़िशा बालेश्वर ट्रेन हादसे में मारे गए परिवार को दो-दो हजार के नोटों में दो लाख रुपये देकर आर्थिक मदद करने पर सवाल उठाया है. सुकांत ने हाथ में दो-दो हजार के नोटों के बंडल लिए बैठीं तीन महिलाओं का वीडियो साझा करते हुए ट्वीट किया- ममता बनर्जी के निर्देश पर राज्य के एक मंत्री ने तृणमूल की ओर से मृतक के परिवार की दो लाख रुपये की मदद की है. इसके लिए उन्हें धन्यवाद, लेकिन मैं यहां एक प्रश्न रख रहा हूं. 2,000 रुपये के नोटों वाले इन दो लाख रुपये का स्रोत क्या है? 2000 रुपये के नोट बांटने की यह घटना पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के बसंती में हुई है.
ब्लैक मनी को व्हाइट तो नहीं कर रहे टीएमसी नेता?
वर्तमान में बाजार में 2,000 रुपये के नोट कम हैं और उन्हें बैंकों में जाकर बदलवाया जा रहा है. ऐसे समय असहाय परिवार को दो-दो हजार के नोट देकर क्या उनकी समस्याओं को और बढ़ाया नहीं गया है? दूसरा, यह कहीं तृणमूल का काले धन को सफेद करने का तरीका तो नहीं है? सुकांत ने हालांकि उक्त मंत्री के नाम का उल्लेख नहीं किया है. ओडिशा के बालासोर में हुए रेल हादसे में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. इन पीड़ित परिवारों को केंद्र सरकार और राज्यों की ओर से मदद का ऐलान किया गया है. इसके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने भी बंगाल से ताल्लुक रखने वाले मृतकों के परिजनों की मदद का ऐलान किया था.
टीएमसी ने किया पलटवार
सुकांत मजुमदार के ट्वीट पर राज्य की सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. टीएमसी के मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने सुकांत मजुमदार के ट्वीट को निराधार बताया. टीएमसी नेता और मुख्य प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘क्या 2000 का नोट अमान्य है? यह वही भाजपा सरकार है, जिसने इस नोट को पेश किया था. यह निराधार ट्वीट है. यह कोई अवैध बात नहीं है, आज यदि कोई किसी को 2000 का नोट देता है, तो यह अवैध या काला धन नहीं है.’
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