Bermo: प्रधानमंत्री आवास योजना में गडबडी किये जाने के आरोप में मुखिया को निलंबित किये 15 माह गुजर गए लेकिन बोकारो जिला प्रशासन आज तक पूरी तरह से यह तय नहीं कर पाई है कि इसके लिए कौन-कौन जिम्मेवार हैं और फाइनल तौर पर किस पर कार्रवाई किया जाए. जिला प्रशासन और प्रखंड कार्यालय द्वारा कार्रवाई के लिए निर्गत पत्रों को देखें तो जानकर हैरानी होगी कि आखिर इतनी असमंजस की स्थिति क्यों है? जिला प्रशासन कभी पंचायत सचिव को दोषी मानते हुए लाभुक को निर्गत राशि की वसूली का आदेश जारी करता है तो कभी लाभुक को तो कभी मुखिया और पंचायत सचिव दोनों को.
जानें क्या है मामला
दरअसल बोकारो जिला के गोमिया प्रखंड अंतर्गत होसिर पश्चिमी पंचायत में चार लाभुकों का क्रमशः हेमलाल केवट, चान्दो साव, द्वारिका साव और आशा देवी को प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभ के लिए चयन किया गया था. वर्णित चारों लाभुकों को 2011 के SECC डाटा में नाम दर्ज था, लिहाजा इन्हें प्रधानमंत्री आवास के लिए चयन कर लिया गया और लाभुक हेमलाल केवट को 1 लाख 23 हजार 500 (एक लाख तेइस हजार पांच सौ) चान्दो साव को 58,500 हजार (अंठावन हजार पांच सौ) द्वारिका साव को 1 लाख 23 हजार 500 (एक लाख तेइस हजार पांच सौ) और आशा देवी को भी 1 लाख 23 हजार 500 (एक लाख तेइस हजार पांच सौ) रुपये प्रथम किस्त की राशि का भुगतान कर दिया गया.
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प्रधानमंत्री आवास चयन को लेकर एक ग्रामीण ने जिला प्रशासन से लिखित शिकायत की जिसमें दावा किया गया और चयनित चारों लाभुक का पक्का मकान है. शिकायत के आलोक में जिला प्रशासन ने जांच टीम गठित की और जांच में पाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना दिये जाने में गड़बड़ी हुई है. लाभुक मतस्य विभाग से मछुवारा आवास का लाभ ले चुके थे. पुनः इन्हें प्रधानमंत्री आवास का लाभ दे दिया गया था.
मुखिया हुए थे निलंबित, पंचायत सचिव पर राशि वसूली का आदेश
उक्त आरोप के आलोक में उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी का कार्यालय बोकारो के ज्ञापांक 226 दिनांक 03 सितम्बर 2019 को मुखिया रामबृक्ष रविदास की वितीय शक्ति सहित सभी शक्तियां तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. वहीं उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी का कार्यालय (पंचायत शाखा) बोकारो के ज्ञापांक 774 दिनांक 26 अगस्त 2020 को पंचायत सचिव मदन रजक को प्रधानमंत्री आवास योजना में बरती गई अनियमितता के आरोप में 4 लाख 29 हजार (चार लाख उन्नतीस हजार) रुपये जमा करने का आदेश दिया अन्यथा उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निदेश दिया. वैसे पत्र के पत्रांक में वर्ष 2019 दर्ज है जबकि हस्ताक्षर में पंचायत राज पदाधिकारी ने वर्ष 2020 लिखा है.
देखें जिला प्रशासन और प्रखंड प्रशासन के बीच असमंजस की स्थिति में भेजे गए वसूली पत्र
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बीडीओ ने लाभुक को राशि जमा करने का दिया नोटिस
गोमिया के प्रखंड विकास पदाधिकारी कपिल कुमार ने लाभुक चांदो साव सहित अन्य लाभुकों को नोटिस देकर कहा कि आप इंदिरा आवास से संबंधित जानकारी छुपाते हुए प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण का लाभ लेने के आरोप है. इसलिए दो किस्त में 58,500 रुपये जमा करें. उन्होंने पत्रांक में जारी तिथि से दो दिनों के भीतर कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखते हुए आपके द्वारा ली गई राशि को प्रखंड नाजिर को वापस करना सुनिश्चित करें अन्यथा आप के विरुद्ध प्रावधान अनुसार सुसंगत धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
अब बीडीओ ने मुखिया को भी राशि जमा करने का दिया नोटिस
इधर प्रखंड विकास पदाधिकारी कपिल कुमार ने बोकारो उपायुक्त के पत्रांक 1086 दिनांक 28 नवंबर 2020 का हवाला देते हुए होसिर पश्चिमी पंचायत के निलंबित मुखिया रामवृक्ष रविदास को प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में बरती गई अनियमितता के विरुद्ध कुल राशि में 50 फीसदी राशि 2,65,980 रुपए नजारत में जमा करने का नोटिस दिया है.
निलंबित मुखिया ने क्या कहा ?
निलंबित मुखिया रामबृक्ष रविदास ने कहा कि उन्हें 15 महीने पूर्व ही एकतरफा कार्रवाई करते हुए निलंबित कर दिया. लेकिन उस समय राशि वसूलने की कोई बात नहीं कही गई थी. वैसे भी प्रधानमंत्री आवास की राशि लाभुक को प्रखंड कार्यालय द्वारा दिया गया है. राशि लाभुक से वसूल किया जाना चाहिए. मुखिया को प्रशासन दोषी मानते हुए उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया है. अब इसके लिए पुनः राशि की वसूली का नोटिस दिया जाना बिल्कुल न्याय संगत नहीं है.
“बहरहाल जिला और प्रखंड प्रशासन के द्वारा समय-समय पर अलग-अलग कार्रवाई का पत्र जारी किए जाने से मुखिया, पंचायत सचिव सहित लाभुक भी असमंजस में हैं.”
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