Bermo : झारखंड राज्य किसान सभा के आवाहन पर झारखंड राज्य को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर गोमिया प्रखंड कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया. संयुक्त सचिव श्याम सुंदर महतो ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष और झारखंड राज्य के गठन के 22 वर्षों के बाद भी झारखंड की कृषि की स्थिति काफी दयनीय है. आज भी यहां के किसान प्राकृतिक वर्षा पर ही निर्भर है. सिंचाई के नाम पर अंत तक कुछ भी मुक्कमल व्यवस्था नहीं हुआ है. मौजूदा समय में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में नहीं के रूप में वर्षा हुई है. कहीं-कहीं हल्की बारिश हुई है जिससे 10-15 प्रतिशत भी धन रोपनी नहीं के बराबर हुई है. किसानों के सामने अकाल की छाया साफ दिखाई दे रही है. इस स्थिति में झारखंड राज्य किसान सभा ने झारखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करने की मांग को लेकर संपूर्ण राज्य में लगातार धरना और प्रदर्शन कर रही है.
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किसानों के सभी प्रकार के कर्ज माफ हों- किसान सभा
राज्य के विभिन्न प्रखंड कार्यालयों में भी धरना प्रदर्शन किया गया है ताकि राज्य सरकार इस पर अभिलंब कार्रवाई करे. इस धरना के बाद किसान सभा के एक प्रतिनिधिमंडल ने प्रखंड विकास पदाधिकारी को एक स्मार पत्र सौंपा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि झारखंड को सुखाड़ क्षेत्र घोषित करें और किसानों और ग्रामीणों को पर्याप्त राहत दे. फसल के नुकसान के लिए प्रति एकड़ 15 हज़ार रुपये मुआवजा दिया जाए. किसान को दिए गए सभी प्रकार का कर्ज माफ किया जाए. रबी फसल के लिए किसानों को कर्ज के रूप में पर्याप्त राशि प्रदान किया जाए. मनरेगा को बड़े पैमाने पर लागू कर जॉब कार्डधारियों को पूरे वर्ष में 200 दिन काम दिया जाए. मजदूरी दर पांच सौ रुपये किया जाए. जन वितरण प्रणाली को मजबूत करते हुए गेहूं, चावल, दाल, नमक अन्य वस्तुओं का भी मुफ्त वितरण किया जाए. गैरमजरूआ जमीन का रसीद निर्गत किया जाए. धरना को भुनेश्वर महतो, हरिचरण सिंह, पूर्व मुखिया पूरन मांझी, विनय महतो, दसई रविदास, सोनाराम टूडू, लखी राम मांझी सहित कई लोगों ने संबोधित किया.
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