Bermo : ताप विद्युत केंद्र से निकलने वाली ऐश (छाईं) की समस्या इन दिनों बढ़ गयी है. इसी समस्या से टीटीपीएस ललपनिया भी रूबरू हो रही है, लेकिन जहां कहीं भी इस तरह के पावर प्लांट बनते हैं, तो वहां छाईं को फेंकने के बंदोबस्त भी किये जाते हैं. मगर इन दिनों टीटीपीएस ललपनिया से निकलने वाली छाईं को इधर उधर फेंका जा रहा है, जिस कारण नालियों के माध्यम से छाईं सीधे कटेल नदी में जा रही है, और उस नदी के माध्यम से दामोदर नदी पर बनी तेनुघाट डैम में जाकर समाहित हो जाती है. पूरा देश नदियों को प्रदूषण मुक्त करने के अभियान में जुटी हुई है, और पर्यावरण को संतुलित रखने की कवायद जोरों पर है, मगर तेनुघाट थर्मल पावर स्टेशन ललपनिया के प्रबंधन द्वारा छाई को नदी में प्रवाहित किया जा रहा है. बता दें कि इन दिनों टीटीपीएस द्वारा जहां-तहां छाईं फेंका गया है, उसमें कोदवाटांड़ घाट, अय्यर घाट, मेन गेट प्लांट के निकट रामगढ़ रोड शॉपिंग के पीछे, एफ टाइप, स्वीपर कॉलोनी के सामने और रेलवे कॉलोनी के निकट शामिल है.
संवेदक ने क्या कहा
संवेदक के पार्टनर सुधीर कुमार ने कहा कि प्रबंधन जहां जगह देती है, वहीं ऐश को डंप किया जा रहा है.
महाप्रबंधक का क्या है कहना
इस संबंध में टीटीपीएस के महाप्रबंधक सह प्रभारी एमडी अनिल कुमार शर्मा से पूछा तो उन्होंने कहा कि कहीं से भी छाईं नदी में नहीं जा रही है और रामगढ़ रोड शॉपिंग के पीछे जहां ऐश गिराया गया है, वहां उसकी बंदोबस्त की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि बरसात का मौसम है. पानी के बहाव के कारण ऐश इधर उधर जरूर गया होगा, लेकिन प्रबंधन पूरी तरह से गंभीर है.
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