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Kolkata : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव अभी चार चरणों की वोटिंग बाकी है, मगर राजनीतिक दलों में इस बात को लेकर घमासान शुरू हो गया है कि बंगाल की गद्दी पर कौन बैठेगा. त्रिशंकु विधानसभा की संभावना को लेकर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने स्पष्ट कर दिया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी)को खंडित जनादेश मिलने पर कांग्रेस उसकी सरकार बनाने में कोई सहायता नहीं करेगी.
बता दें कि श्री चौधरी ने ममता बनर्जी पर बंगाल चुनाव को सांप्रदायिक रंग देने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि सरकार बनाने के लिए जरूरी सीटें नहीं होने पर टीएमसी और भाजपा हाथ मिला सकते हैं. कहा कि दोनों दल एक ही सिक्के के दो पहलू हैं.
उन्होंने ममता बनर्जी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा और सांप्रदायिक राजनीति ममता के कारण ही बंगाल में पैर जमा सके, इसलिए चुनाव बाद बहुमत नहीं मिलने की दशा में टीएमसी को समर्थन देने का कोई सवाल ही नहीं है.
टीएमसी के साथ गठबंधन की संभावना नहीं
अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि इसी तरह कांग्रेस-वाममोर्चा और आईएसएफ के संयुक्त मोर्चा की ओर से सरकार बनाने के लिए ममता बनर्जी से समर्थन मांगने की संभावना भी नहीं है. चुनाव के बाद बहुमत के आंकड़े से पीछे रहने की स्थिति में तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया जायेगा.
चौधरी ने कहा कि ऐसी स्थिति में तृणमूल और भाजपा दोनों खुद हाथ मिलाकर साथ आ जायेंगे. उन्होंने कहा कि जैसे पुरानी शराब का स्वाद बढ़ जाता है, वैसे ही पुराने दोस्त विश्वासपात्र होते हैं. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस और भाजपा गठबंधन में पहले भी सहयोगी रह चुके हैं. दोनों दल बाद में हाथ मिला लेंगे.
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