NewDelhi : भाजपा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी ने चीन द्वारा घुसपैठ को लेकर अपने विचार रखते हुए युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा है. उन्होंने क्वाड की बैठक को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी चीन का नाम नहीं लिया. पर क्वाड का संयुक्त बयान चीन को हमलावर करार दे रहा है. सुब्रमण्यन स्वामी ने इसके साथ ही अपने ट्वीट के अंत में जंग की तैयारी करने के लिए कहा.
Please note: PM Modi never called China by name in India even once. But QUAD joint statement and accompanying Note squarely blames China as aggressor. Good progress. Now cancel BRICS summit meeting. And keep China’s junior partners from mediating in the matter. Prepare for war
— Subramanian Swamy (@Swamy39) March 14, 2021
ब्रिक्स सम्मेलन बैठक को रद्द कर दिया जाना चाहिए
रविवार को किये गये अपने ट्वीट में स्वामी ने लिखा, कृपया ध्यान दें, पीएम मोदी ने भारत में एक बार भी चीन को नाम से नहीं पुकारा. पर क्वाड के संयुक्त बयान और साथ में आया नोट चीन को हमलावर के रूप में दोषी ठहराता है. अच्छी प्रगति है. अब ब्रिक्स सम्मेलन बैठक को रद्द कर दिया जाना चाहिए. और चीन के जूनियर साझेदारों को मामले में मध्यस्थता करने से रोकें. जंग के लिए तैयारी करें.
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क्वाड चार देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का समूह है
जान लें कि ‘क्वाड चार देशों भारत, जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का एक समूह है. 2007 में इसकी स्थापना के बाद से इन चार सदस्यों देशों के प्रतिनिधि समय-समय पर मुलाकात करते रहे है. इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सदस्य देशों के अन्य नेताओं ने भाग लिया. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि सहयोग को बढ़ाने में क्वाड एक नया तंत्र बनकर उभरा है.
उन्होंने चीन के स्पष्ट संदर्भ में कहा, हम अपनी प्रतिबद्धताओं को जानते हैं. हमारा क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय कानून द्वारा संचालित है, हम सभी सार्वभौमिक मूल्यों के लिए प्रतिबद्ध है और किसी दबाव से मुक्त है लेकिन मैं हमारी संभावना के बारे में आशावादी हूं. इसी क्रम में बाइडन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा, आपको देख कर बहुत अच्छा लगा.
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भारत और चीन के बीच LAC विवाद जारी है
स्वामी की यह टिप्पणी ऐसे समयपर आयी जब भारत और चीन के बीच LAC विवाद जारी है. पूर्वी लद्दाख में शेष मुद्दों के समाधान को लेकर दोनों मुल्कों में शुक्रवार को गंभीरता से चर्चा हुई थी. दोनों देशों ने कहा था कि पैंगोंग झील के उत्तरी, दक्षिणी किनारे से सैनिकों को पीछे हटाने से शेष मुद्दों के जल्द समाधान की दिशा में अच्छा आधार प्रदान किया है.
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21वीं बैठक 12 मार्च 2021 को हुई थी
भारत-चीन सीमा मामलों पर विचार विमर्श और समन्वय संबंधी कार्यकारी तंत्र की 21वीं बैठक 12 मार्च 2021 को हुई थी. इसमें भारतीय शिष्टमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव (पूर्वी एशिया) ने की और चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व चीन के विदेश मंत्रालय के सीमा एवं समुद्री विभाग के महानिदेशक ने की.
विदेश मंत्रालय के बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर स्थिति की समीक्षा की और इस सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शेष मुद्दों के समाधान को लेकर गंभीरता से चर्चा की.
बता दें कि पैंगोंग झील क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की बैठक 20 फरवरी को हुई थी, जिसमें संघर्ष के अन्य इलाकों में पीछे हटने पर ध्यान केंद्रित किया गया था. माना जाता है कि भारत हाट स्प्रींग, गोगरा और देपसांग में तेजी से पीछे हटने को लेकर जोर दे रहा है.