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भाजपा-आरएसएस का नजरिया नफरत, डर, गुस्से से भरा हुआ है : राहुल गांधी

Hyderabad : लोकसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज शनिवार को तेलंगाना में भारत शिखर सम्मेलन में शामिल हुए. उन्होंने कहा कि  कुछ साल पहले, कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से फंसी हुई और अलग-थलग महसूस कर रही थी. आक्रामकता और विपक्ष को कुचलने की इच्छा से प्रेरित इस नयी राजनीति(भाजपा) ने हमारे लिए समझौता करने के रास्ते खोल दिये.  मीडिया और सामान्य माहौल ने हमें स्वतंत्र रूप से काम करने की अनुमति नहीं दी. हमने यहां एक नयी आक्रामक और एक ऐसी राजनीति देखी, जिसमें विपक्ष से बात नहीं की जाती, वरन् विपक्ष को कुचलने पर विचार किया जाता है .राहुल ने कहा कि इसके बाद हम अपने इतिहास में वापस पहुंचे. तब हमने कन्याकुमारी से कश्मीर तक पैदल यात्रा का निर्णय लिया. कहा कि कन्याकुमारी से हमारी यात्रा शुरू हुई... हम धीरे-धीरे आगे बढ़े तो धीरे-धीरे और लोग हमारी यात्रा में शामिल होते चले गये राहुल गांधी ने कहा, हमारा विपक्ष(सत्तरूढ़ भाजपा) वास्तव में कुछ सुनना ही नहीं चाहता. क्योंकि उनके पास पहले से ही सारे जवाब हैं. वे सोचते हैं कि उन्हें ठीक-ठीक पता है कि क्या करना हैमगर, यह पूरी तरह से गलत है, क्योंकि देश की जनता यह जानती है कि उन्हें क्या करना है. भाजपा-आरएसएस नज़रिया नफरत, डर और गुस्से से भरा हुआ है. डर अक्सर गुस्से और गुस्से से नफरत की ओर ले जाता है. इसके विपरीत, हमारा(कांग्रेस) नज़रिया ऐसा होना चाहिए जो उनके नज़रिए से अलग हो,. वह नज़रिया प्यार, स्नेह और लोगों की इच्छाओं और इच्छाओं की गहरी समझ पर आधारित हो. राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि एक चीज है, जिसमें हम सोशल मीडिया सहित सभी आधुनिक संचार विधियों के साथ असफल रहे हैं, तो वह यह है कि राजनेताओं के रूप में जनता हमें जो बताने की कोशिश कर रही है, उसे गहराई से सुनने में हम विफल हैं. राहुल ने जोर देकर कहा, यही वह स्थान है जहां हम वास्तव में काम कर सकते हैं, क्योंकि हमारे विरोधियों ने इस जगह(जनता की आवाज को सुनना) को पूरी तरह से खाली कर दिया है, वे वहां नहीं हैं, उनका वहां कोई वजूद नहीं है. राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा को लेकर कहा कि मैंने उस यात्रा से मुख्य रूप से दो चीजें सीखीं. उन्होंने कहा, दुनिया भर में हमारे विपक्ष(भाजपा) का गुस्सा, डर और नफरत पर एकाधिकार है. कहा कि हम उनके साथ गुस्सा, डर और नफरत के मामले में कभी भी मुकाबला नहीं कर पायेंगे,  वे हमें हर बार डर, गुस्सा और नफरत में मात देंगे, हमें पीछे छोड़ देंगे और हर बार हरा देंगे. राहुल गांधी ने सवाल पूछा कि हम कहां और कैसे काम करें? सवाल किया कि वह कौन से स्थान हैं जहां हमें लाभ हो सकता है? वे कौन से स्थान हैं, जहां से हम प्रतिवादात्मक कथा तैयार कर सकते हैं?` राहुल ने कहा, हम नीतियों पर असहमत हो सकते हैं. मेरा यकीन है कि हम में से हर किसी की कुछ मामलों पर अलग-अलग राय होगी. लेकिन, हम इस बात पर सहमत तो हो ही सकते हैं कि हम इन मुद्दों पर किस नज़रिए से विचार करते हैं. इसे भी पढ़ें : पहलगाम">https://lagatar.in/pahalgam-attack-mohan-bhagwats-suggestion-it-is-kings-duty-to-protect-the-people/">पहलगाम

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