- हंगामे से जनता के बीच गलत संदेश जा रहा, इसलिए बंद करा दिया गया प्रसारण – स्पीकर
- भाजपा विधायकों से सदन चलने देने का आग्रह करते रहे स्पीकर, लेकिन नहीं माना विपक्ष
- नियोजन नीति पर सीएम से जवाब देने की मांग पर अड़ा विपक्ष
- स्पीकर बोले- आसन किसी को जवाब देने के लिए नहीं कर सकता मजबूर, जब जरूरत महसूस होगी सीएम देंगे जवाब
Ranchi : झारखंड विधानसभा में बुधवार को भी नियोजन नीति को लेकर भाजपा का हंगामा जारी रहा. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायक नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री से जवाब देने की मांग को लेकर वेल में पहुंच गये. सबसे पहले झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम पेसा कानून को लेकर सदन में अपना सवाल रख रहे थे. उधर भाजपा विधायकों का हंगामा बढ़ता जा रहा था. इसे देखते हुए स्पीकर ने विधानसभा टीवी पर चल रहे सदन की कार्यवाही का लाइव प्रसारण बंद करने के निर्देश दिया. लोबिन ने जब स्क्रीन पर लाइव प्रसारण बंद देखा तो कहा कि आखिर मेरे सवाल के समय प्रसारण क्यों बंद कर दिया गया. यह मेरे साथ अन्याय है. स्पीकर ने कहा कि विपक्ष के हंगामे के कारण जनता के बीच ठीक मैसेज नहीं जा रहा है इसलिए लाइव प्रसारण बंद कर दिया गया है. लोबिन ने कहा कि जबतक प्रसारण शुरू नहीं होगा वे सवाल नहीं पूछेंगे. इसके बाद स्पीकर ने विधानसभा की कार्यवाही का प्रसारण शुरू करने का निर्देश दिया.
पूरे राज्य की नजर सदन पर, जवाब दे सरकार- भानु
सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि 4 दिन से नियोजन नीति पर भाजपा विधायक मुख्यमंत्री का जवाब मांग रहे हैं. चलते सदन में राज्य की जनता की नजर विधानसभा पर होती है. राज्य में बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, जब सदन चल रहा है उस दौरान कैबिनेट से नियोजन नीति लाया गया. पहले तो यह कैबिनेट में लाना नहीं चाहिए था और अगर लाए हैं तो उस पर सरकार जवाब क्यों नहीं दे रही है. इसके बाद भाजपा के विधायक 1932 का क्या हुआ के नारे लगाने लगे.
सदन की कार्यवाही को छिछला बनाना चाहते हैं तो हमको कोई तकलीफ नहीं- स्पीकर
स्पीकर भाजपा विधायकों से सदन की मर्यादा को बनाए रखने का आग्रह करते रहे. उन्होंने कहा कि अगर आप सदन की कार्यवाही को छिछला बनाना चाहते हैं तो हमको कोई तकलीफ नहीं है. सदन को चलाने में सत्ता पक्ष और विपक्ष की भूमिका समान है. अगर आप चाहते हैं कि देश के दूसरे विधानसभा की तरह आप भी यहां करें तो यह ठीक नहीं है. अगर भाजपा विधायक सदन नहीं चलाना चाहते हैं तो कहें हम सदन की कार्यवाही को बंद कर देते हैं.
लगता है स्पीकर की कुर्सी दाहिनी ओर कुछ ज्यादा झुकी है- सुदेश
आजसू विधायक दल के नेता सुदेश महतो ने सदन में स्पीकर की भूमिका पर ही सवाल उठा दिया. सुदेश ने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि स्पीकर सदन को चलाना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष की सिर्फ एक ही मांग है कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर बयान दें. तो यह स्पीकर का दायित्व है कि वे सरकार से जवाब दिलवाएं, लेकिन ऐसा लगता है कि स्पीकर की कुर्सी दाहिनी ओर (सत्ता पक्ष की ओर) कुछ ज्यादा झुकी हुई है. इस पर स्पीकर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि उनकी भूमिका पर सवाल उठाना सही नहीं है.
पेसा पर आलमगीर के जवाब से नाराज हुए लोबिन, कहा- हम ऐसे मंत्री नहीं थे
झामुमो विधायक लोबिन हेंब्रम ने सदन में पेसा नियमावली का गठन नहीं होने का मामला उठाया. लोबिन ने कहा कि सभी विभागों को नियमावली बनाकर संवैधानिक रूप से पंचायतों को सुदृढ़ करना था, लेकिन अब तक इस पर कोई पहल नहीं की गई है. वहीं पेसा का विकेंद्रीकरण कर राज्य में पंचायत चुनाव कराया जा रहा है, जो संवैधानिक दृष्टिकोण से मान्य नहीं है. पेसा नियमावली नहीं बनने से ग्राम स्वराज की अवधारणा को ठेस पहुंची है. पेशा कानून शेड्यूल एरिया के लोगों के लिए कवच है. सरकार नियमावली बनाकर इसे कब तक लागू करना चाहती है. इसपर सरकार की ओर से मंत्री आलमगीर आलम में जवाब देते हुए कहा कि 15 विभागों को सरकार को रिपोर्ट देना था, जिनमें से 12 विभागों की रिपोर्ट आ गई है. 3 विभाग की रिपोर्ट बाकी है. बहुत जल्द उसे मंगा कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. लोबिन हेंब्रम में कहा कि सरकार एक समय निर्धारित करे. इसपर स्पीकर ने लोबिन से कहा कि आप भी मंत्री रहे हैं. इसलिए सरकारी प्रक्रिया को समझ सकते हैं. तब लोबिन ने कहा कि हम ऐसे मंत्री नहीं थे.
सरयू राय ने सदन में उठाया आम्रपाली खदान से ओवरलोडिंग कर कोयले की चोरी का मामला
विधायक सरयू राय ने अल्पसूचित प्रश्न के तहत आम्रपाली खदान से ओवरलोडिंग के जरिए कोयला चोरी का मामला उठाया. कहा कि 24 दिसंबर 2021 को खान निदेशक के आदेश से आम्रपाली खदान से शिवपुरी रेल साइडिंग तक कोयला परिवहन में अनियमितता की जांच के लिए त्रिस्तरीय समिति का गठन किया गया था, जिसमें जिला परिवहन पदाधिकारी सदस्य थे. समिति ने जांच रिपोर्ट में कहा था कि 7 दिनों के भीतर इसपर रोक लग जायेगी, लेकिन साल भर से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इसपर कोई करवाई नहीं हुई और ओवरलोडिंग और कोयले की चोरी जारी है. सरयू ने पूरे मामले की जांच विधानसभा की कमेटी से कराने की मांग की. इसपर परिवहन मंत्री चम्पई सोरेन ने कहा कि ओवरलोडिंग नहीं हो इसके लिए जिला प्रशासन, परिवहन और खान विभाग संयुक्त रूप से काम कर रहा है. मंत्री के जवाब पर विधायक पूरक प्रश्न पूछते इससे पहले ही स्पीकर ने विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही 12.30 तक स्थगित करते हुए इस प्रश्न को अगले दिन के लिए पुट कर दिया.
भाजपा विधायकों से बोले सीएम हेमंत, चुप रहना आपके ही प्रधानमंत्री से सीखा
भाजपा विधायक नियोजन नीति पर मुख्यमंत्री से जवाब देने की मांग को लेकर लगातार सदन के अंदर हंगामा कर रहे हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इसपर कुछ नहीं बोल रहे हैं. बुधवार को भी मुख्यमंत्री सदन में बैठे थे और भाजपा के विधायक वेल में नारेबाजी कर रहे थे. मुख्यमंत्री उन्हें देखकर मुस्कुरा रहे थे और बीच-बीच में इशारों से उन्हें चिढ़ा भी रहे थे. हंगामे के बीच स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी और सदन से बाहर निकल गये. इसके बाद विपक्ष के विधायक मुख्यमंत्री से कहने लगे सदन में जवाब दीजिए, चुप क्यों हैं. सदन से बाहर निकलने से पहले सीएम भाजपा विधायकों के पास पहुंचे और मजाकिया लहजे में उनसे कहा कि आपके ही प्रधानमंत्री से चुप रहना सीखा है.
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