Ranchi/Bokaro : अवैध कोयला कारोबार के खिलाफ पुलिस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है. डीआईजी सुरेंद्र कुमार झा के निर्देश पर बेरमो डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने रविवार देर रात बोकारो के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र स्थित अलग-अलग गांवों में छापेमारी की. इस दौरान पुलिस ने पिपराडीह और जमुनिआ गांव में अवैध रूप से जमा करीब 100 टन कोयला बरामद किये. जांच में पता चला कि पेंक का रहने वाला बाल गोविंद महतो ने इस कोयले को तस्करी के लिए रखा था. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि बाल गोविंद महतो किसके संरक्षण में अवैध कोयले का कारोबार कर रहा था.
बोकारो-रामगढ़ में संरक्षित तरीके से हो रहा था अवैध कोयले का कारोबार
बोकारो और रामगढ़ जिले में संरक्षित तरीके से अवैध कोयला का कारोबार हो रहा था. रामगढ़-बोकारो जिले की सीमा पर स्थित रहावन ओपी क्षेत्र के बघरैया, अलकुसिया व हुरदाग जंगल और पेक नारायणपुर थाना क्षेत्र में कोयले का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा था. इसकी सूचना मिलने के बाद डीआईजी के निर्देश पर बेरमो डीएसपी के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने छापेमारी की.
रूंगटा के प्लांट और मंडी भेजा जा रहा था कोयला
कोयला माफिया के मनोबल का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता था कि यहां 35-40 अवैध खदानों से कोयला का उत्पादन किया जा रहा है. जिसे रात के अंधेरे में ट्रैक्टर से चतरोचट्टी थाना क्षेत्र के जर्कुंडा और टाटी झरिया पहुंचाया जाता है. वहां से कुछ कोयले को बड़े ट्रेलर में लोड कर कुजू ओपी स्थित रूंगटा प्लांट और कुछ ट्रकों में कोयला लोड कर फर्जी कागजात के माध्यम से डेहरी और बनारस की मंडियों में भेजा जाता था. रूंगटा के प्लांट में हर दिन सात से आठ ट्रेलर कोयले भेजे जाते थे. हालांकि होली के पहले से अवैध कोयले की तस्करी पर लगाम लग गया है.
एक ट्रैक्टर कोयला काटने के लिए मिलते हैं दो हजार रुपये
मजदूरों को एक ट्रैक्टर कोयला काटने के लिए दो हजार रुपये मजदूरी मिलती है. वहीं खदान से कोयला को बाहर ढोने वाली महिलाओं को एक ट्रैक्टर कोयला के लिए एक हजार रुपये दिया जाता है. दूसरी ओर अवैध कोयला कटिंग कराने वाले कोयला माफिया एक ट्रैक्टर कोयला को 10 से 12 हजार रुपये में बेचते हैं.