Bokaro: बढ़ती महंगाई से लोग परेशान हैं. बढ़ते सामानों की कीमतों ने लोगों का जीवन चुनौतीपूर्ण बना दिया है. यह आमलोगों का कहना है. थालियों से हरी सब्जियां और मीट, मछली और चिकन गायब होने लगे हैं. महंगाई रूपी डायन ने मध्यमवर्गीय परिवारों के सामने संकट पैदा कर दिया है. चाहे वह दवा हो या कपड़ा, फल हो या सब्जी सबकी कीमत आसमान छू रही है. महंगाई से लोग कितने परेशान हैं, इसे जानने के लिए लगातार मीडिया की टीम बाजार पहुंची और लोगों से बात की.
बाजार में मीट खरीदने आए जोधाडीह निवासी अर्जुन महतो ने कहा कि मीट कुर्बानी के कारण अधिक महंगा हुआ है. चूंकि कुर्बानी को देखते हुए बकरों की बिक्री तेज हुई है. मीट 680 रुपए किलो है, जबकि 170 रुपए चिकन मिल रहा है. महंगाई 30 प्रतिशत बढ़ा हुआ है. जिसका असर हमलोगों पर पड़ रहा है.
सब्जी खरीदने आए शिवपुरी कालोनी निवासी रमेश कुमार ने कहा कि सब्जी की कीमतें आसमान छू रही हैं. टमाटर 60 रुपए, भिंडी 20 रुपए, करैला 30 रुपए, गोभी फूल 60 रुपए और बंधागोभी 40 रुपए है. उन्होंने कहा कि 10 हजार रूपए मेरी आमदनी है. 6 परिवारों का खर्च चलाने की मेरी जिम्मेदारी है. लेकिन मुश्किल हो रही है.
राशन दुकानदार पंकज कुमार ने बताया कि महंगाई बढ़ी है. ग्राहक नहीं हैं. बाजार शिथिल हो गया है. कुछ सामानों की कीमत काफी बढे हुए हैं. इसलिए पहले की अपेक्षा बिक्री कम होती है. लोग फिजूलखर्ची से बच रहे हैं.
दवा खरीदने आए राहुल प्रसाद कहते हैं कि लॉकडाउन से ही महंगाई बढ़ी है. दवाई दुकानों की अपेक्षा ऑनलाइन मंगवाने पर सस्ता मिलता है. अचानक तबियत बिगड़ी तो खरीदना जरूरी होता है. घर के बजट पर काफी प्रतिकूल असर पड़ रहा है. सभी सामानों के कीमतों में काफी उछाल आया है. इसलिए हालत खराब है. 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. लेकिन दवा तो खरीदना ही है. कपड़ा खरीदने आई रीना देवी कहती हैं कि मन तो ब्रांडेड कपड़ा पहनने का है, लेकिन जितना चादर है, उतना ही पांव पसार रहे हैं. कपड़े की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है. 20 फीसदी तक बढ़ोतरी हुई है.
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