BOKARO: चास नगर निगम क्षेत्र के भोलू बांध में बना अमृत पार्क फेज 4 निगम की उदासीनता के कारण अव्यवस्था का शिकार हो चुका है. इस पार्क की स्थिति देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्र सरकार ने जिस उद्देश्य से इस योजना को धरातल पर उतारने का काम किया था. उसकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो पायी है.
मोदी सरकार ने नगर निकाय क्षेत्रों में लोगों के बेहतर स्वास्थ्य और आम लोगों के सैर करने के उद्देश्य अमृत योजना के तहत पार्क निर्माण कार्य करने का निर्णय लिया था. इस योजना के तहत चास नगर निगम क्षेत्र में चार पार्क का निर्माण किया गया. लेकिन वर्तमान में सभी पार्कों की स्थिति दयनीय हो चुकी है. चास नगर निगम के मेन रोड स्थित भोलूर बांध में बना अमृत पार्क फेज 4 की भी स्थिति दयनीय.
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तालाब के पानी आती है दुर्गंध
इस पार्क की स्थिति इतनी दयनीय हो चुकी है कि यहां आम लोगों के लिए कुछ भी बचा नहीं हुआ है. जिस तालाब किनारे यह पार्क बना है, इस तालाब के पानी में इतना दुर्गंध है कि यहां लोग चाह कर भी आना पसंद नहीं करते है. पार्क में लगा सभी सामान उजड़ चुका है. निगम के अधिकारियों की अनुभव हीनता के कारण पार्क के अंदर से नाली निर्माण कराया जा रहा है,जो को पूर्व में ही किया जाना चाहिये था. निगम ने इस पार्क की देखरेख और रखरखाव तक करना उचित नहीं समझा जिस कारण स्थिति आज यहां बिल्कुल उलट हो चुकी है.
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जांच के लिए लिखा गया है पत्र
स्थानीय अमर स्वर्णकार का कहना है कि इस पार्क के निर्माण में नगर निगम के अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत से सिर्फ पैसे कमाने का काम किया गया है. इस पार्क निर्माण की जांच के लिए पत्र भी लिखा गया. लेकिन इसकी जांच अभी तक नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि इस पार्क के उद्घाटन में राज्य के शिक्षा मंत्री ने ही जब तालाब के गंदे पानी पर सवाल उठा दिया है. उसके बावजूद निगम के अधिकारी इस पर अभी तक कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठाये हैं. इनका कहना है इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिये.
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अधिकारियों ने डीपीआर बनाने में की भारी गड़बड़ी
चास नगर निगम के निवर्तमान डिप्टी मेयर अविनाश कुमार ने कहा कि जब से प्रशासक की नियुक्ति निगम में हुई है. तब से निगम की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. इस पार्क की भी देखरेख निगम नहीं कर रहा है. ऐसे में पूरी व्यवस्था चौपट हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस पार्क का हैंड ओवर निगम ने लिया है तो हम कह सकते हैं जो निविदा में कार्य करने थे वह काम नहीं हुआ और अधिकारियों ने डीपीआर बनाने में भारी गलती की जिसके कारण आज तालाब में गंदा पानी भरा पड़ा है.
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योजना नहीं हो पायी सार्थक
वही चास नगर निगम के अपर नगर आयुक्त शशि प्रकाश झा ने कहा कि पार्क के रखरखाव के लिए निविदा नहीं निकाली जा सकी थी. जिस कारण दिक्कत हुई है. उन्होंने कहा कि तालाब में गंदे नाले का पानी नहीं गिरे इसके लिए व्यवस्था की जा रही है .लेकिन केंद्र सरकार की इस योजना को धरातल पर उतारने के बावजूद इसकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो पा रही है. इसमें कहीं ना कहीं अधिकारी अधिक जिम्मेदार नजर आ रहे हैं.
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