Dinesh kumar Pandey
Bokaro: सिटी थाना के जीडी का पाना फाड़ने व मालखाना का रजिस्टर गायब होने के मामले में पुलिस 28 माह बाद भी जांच पूरी नहीं कर पाई है. इस बीच कई थानेदार आये व रिटायर होकर चले गए. लेकिन जांच की फाइल एक कदम आगे नहीं बढ़ पाई. आपको बता दें कि इस मामले की प्राथमिकी तत्कालीन थानाध्यक्ष सह इंस्पेक्टर एवं प्रोन्नति पाकर रिटायर्ड डीएसपी मदनमोहन प्रसाद श्रीवास्तव ने 28 अक्टूबर 2018 में अज्ञात के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था. सिटी डीएसपी ने अनुसंधानकर्ता को गुप्तचर बहाल करने का भी निर्देश दिया था. लेकिन नतीजा यथावत है. अब तक इस मामले के लगभग तीन अनुसन्धानकर्ता बदल गये, लेकिन हालात नहीं बदले. जो आये वे इस गुनाह पर पर्दा डालने की ही कोशिश करते रहे. फिलहाल इस मामले की जांच सीआईडी कर रही है. लेकिन सीआईडी निरीक्षक ने थानाध्यक्ष से अधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपि को मांगा है. और यह बताकर पाला झाड़ लिया गया कि मांगी गई रिपोर्ट थाना अभिलेख में उपलब्ध नहीं है.
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सामूहिक हत्या का कब होगा पर्दाफाश ?
दरअसल यह मामला एक सामूहिक हत्या से जुड़ा हुआ है. वर्ष 2002 में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गयी थी. पुलिस ने इस हत्याकांड से जुड़े सबूत जुटाये भी थे. और साक्ष्य को पुलिस ने मालखाना में भी रखा था. मुकदमा ट्रायल के दौरान साबूत बदलने की बात सामने आई है. कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए साक्ष्य बदलने और साजिशकर्ता व मालखाना इंचार्ज के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया. निर्देश के बाद मामले में केस भी दर्ज किया गया. इस मामले में अनुसंधानकर्ता ने क्लोजर रिपोर्ट लगा दिया. मामला ज्यों ही मुख्यालय पहुंचा तो, CID को जांच सौंप दी गयी है. फिलहाल रिपोर्ट एवं सबूत में छेड़छाड़ करने के कारण आरोपियों को राहत मिल गयी. जिसके कारण आरोपित बरी भी हो गए हैं. लेकिन मामले की जांच पड़ताल जारी है. इस बाबत एसपी ने बताया कि मामले की जांच शुरू है. और दोषियों पर करवाई जरुर होगी.
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