: सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा पहुंचे ईडी ऑफिस, होगी पूछताछ इसे भी पढ़ें - देवघर">https://lagatar.in/201503-devotees-performed-jalabhishek-in-deoghar-baba-nagari/">देवघर
: बाबा नगरी में पहली सोमवारी को 2,01,503 श्रद्धालुओं ने किया जलाभिषेक
2016 से दस्ताने बना रही
बता दें कि 2016 में सरोज ने जीन्स के कपड़े से दस्ताना बनाने का काम शुरू किया. शुरुआत में कुछ महिलाएं उनसे जुड़ी. लेकिन मार्केट में बढ़ती मांग को देखते हुए बाद में इस काम में कई महिलाओं को जोड़ा गया. आज यह सभी मिल कर प्रतिदिन 12,000 से अधिक दस्ताना बना रही है. साथ ही दस्ताना बनाने का काम 7 सेंटरों में किया जा रहा है. यहां बने दस्तानों को उड़ीसा, रामगढ़, बिहार, दुर्गापुर, बोकारो इस्पात संयंत्र में भेजा जा रहा है. इसे भी पढ़ें - कोयला">https://lagatar.in/dhanbad-police-arrested-the-manager-rai-who-blackmailed-the-coal-trader/">कोयलाकारोबारी को ब्लैकमेल करने वाला आरोपी मैनेजर राय को धनबाद पुलिस ने किया गिरफ्तार
महिलाएं अपने बूते परिवार को संभालने लगी
महिलाओं ने बताया कि यहां से जुड़ने के बाद वो सभी प्रतिमाह 4000 से 5000 रूपये कमा रही है. महिलाओं ने बताया कि वो अब अपने पति पर निर्भर नहीं रह गयी है. अपनी जरूरतों को अब वो खुद पूरा करने में सक्षम है. जबकि सरोज महतो का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्वरोजगार की बात कही थी, जो आज की जरूरत बन गई है. महिलाएं अपने बूते परिवार को संभालने लगी है. बच्चों की पढ़ाई, लिखाई भी बेहतर स्कूलों में करा रही है. ये वहीं लोग है जो पहले मुश्किल से दो जून की रोटी जुटा पा रहे थे. धीरे धीरे पति व परिवार पर से निर्भरता खत्म हो रही है. महिलाएं लघु उद्योग एवं कुटीर उद्योगों की तरफ बढ़ने लगी है. इसे भी पढ़ें - गिरावट">https://lagatar.in/the-stock-market-opened-with-a-fall-sensex-fell-by-269-points-hcl-tech-shares-fell-1-31-percent/">गिरावटके साथ खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 269 अंक टूटा, एचसीएल टेक के शेयर 1.31 फीसदी लुढ़के [wpse_comments_template]