Palamu: मानवता की रक्षा के लिए जिस तरह से यीशू मसीह शूली पर चढ़े और भगवान शिव ने विष को ग्रहण किया. ठीक उसी तरह से सांसारिक सुख को त्यागते हुए वंचित वर्ग के उत्थान के लिए मैं भी सदैव संघर्ष के मैदान में डटा हुआ हूं.
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शिवचर्चा से मिलेगी सुख शांति
देवताओं से जो कार्य असंभव प्रतीत होता है, तब वे लोग देवाधिदेव महादेव के पास पहुंचते और कार्य को निष्पादित करते या फिर रास्ता बताते हैं. इसीलिए शिव को गुरु माना गया है. मतलब जो उतरोत्तर कल्याण का मार्ग बताये. इसलिए नये साल की शुरुआत शिव चर्चा से की गयी. ताकि कोरोना के कहर से तबाह मुल्क को नये साल में विकास की गति तेज हो सके. भौतिक सुख से ही मानसिक सुख की शुरुआत होती है.
उक्त बातें पाटन प्रखंड के कालापहाड़ ग्राम में मध्य विद्यालय के प्रांगण में सेवानिवृत्त शिक्षक गोकुलानन्द तिवारी की ओर से आयोजित शिव चर्चा में अविनाश देव ने कहीं. अविनाश देव इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे. अविनाश देव झारखंड माटीकला बोर्ड,झारखंड सरकार के सदस्य हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में लोगों के चेहरे पर रौनक और होठों पर मुस्कान लाना एवं जनसरोकार से जोड़ना ही शिवचर्चा का मूल मकसद है.
शिवचर्चा में ये सभी रहे मौजूद
शिवचर्चा में एडवोकेट ओंकार नाथ तिवारी ने भी अपनी बात रखी. इस अवसर पर संगीत से जिन्होंने समा बंधा, वे गुरु भ्राता रोहित जी थे. शिव चर्चा में गुरुभाई वीरेंद्र जी,गुरु भाई बरतूजी, त्रिवेणी जी,राधेश्याम जी, विजय जी, बहन सुषमा जी, बहन प्रतिमा जी,बहन प्रभावती जी एवं सैकड़ों की संख्या में शिव भक्त उपस्थित थे.
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