LagatarDesk : देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी एलआईसी बहुत जल्द अपना आईपीओ लाने वाली है. आईपीओ से पहले आज यानी शनिवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक है. इस बैठक में FDI पॉलिसी में संशोधन से जुड़े प्रस्ताव पर फैसला हो सकता है. इस प्रस्ताव को उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIIT) ने वित्त मंत्रालय से परामर्श करने के बाद आगे बढ़ाया है.
आईपीओ में विदेशी निवेशकों की भागीदारी जरूरी
बता दें कि सरकार के लिए यह आईपीओ खास है. इसमें विदेशी निवेशकों की भी भागीदारी बहुत जरूरी है. ऐसे में बैठक में एलआईसी में विनिवेश को सुगम बनाने को लेकर एफडीआई पॉलिसी में बदलाव लाने के प्रस्ताव पर विचार किया जायेगा. ताकि LIC की विनिवेश प्रक्रिया को बिना किसी दिक्कत के पूरी करने में मदद मिले.
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LIC Act में विदेशी निवेश का कोई प्रावधान नहीं
बता दें कि मौजूदा एफडीआई नीति के मुताबिक, बीमा क्षेत्र में ऑटोमैटिक रूट के तहत 74 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है. हालांकि यह नियम एलआईसी पर लागू नहीं होता है. इसके लिए एक अलग कानून एलआईसी एक्ट है. सेबी के नियमों के अनुसार, आईपीओ में एफपीआई और एफडीआई दोनों की अनुमति है. हालांकि LIC Act में विदेशी निवेश का कोई प्रावधान नहीं है. ऐसे में आईपीओ में विदेशी निवेशकों की भागीदारी को लेकर सेबी के नियमों को ध्यान में रखते हुए सरकार एफडीआई नियमों में बदलाव कर सकती है.
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एलआईसी अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ
बता दें कि कैबिनेट ने पिछले साल जुलाई में LIC के आईपीओ को मंजूरी दी थी. जिसके बाद देश की सबसे बड़े आईपीओ का रास्ता साफ हो गया था. LIC की तरफ से 13 फरवरी को सेबी के पास DRHP यानी ड्राफ्ट पेपर जमा किया था. एलआईसी में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है. इस आईपीओ के जरिये सरकार एलआईसी में अपनी 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगा. इस आईपीओ के जरिए सरकार 60-63 हजार करोड़ जुटायेगी. इस आईपीओ में सरकार 31.6 करोड़ शेयर जारी करेगी. माना जा रहा है कि एलआईसी का आईपीओ 11 मार्च को आयेगा.
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