Ranchi: केंद्र सरकार ने झारखंड सहित सभी राज्यों से कहा है कि कोरोना काल में जरूरी चीजों की खरीद को लेकर विशेष निगरानी रखें. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की अपर सचिव निधि खरे ने इस बाबत सभी राज्यों को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में कहा है कि राज्य सरकारों को सुनिश्चित करना चाहिए कि आवश्यक चीजों की कीमतों में वृद्धि नहीं हो.
राज्यों को जारी की गई एडवाइजरी में अपर सचिव निधि खरे ने कहा है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि के बीच आम आदमी को उचित मूल्य पर जरूरी सामान मिले, यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए. किराना स्टोर, केमिस्ट-फार्मासिस्ट, किराना वेयरहाउस के संचालन को धारा 144 के तहत प्रतिबंधों से बाहर रखा जाना चाहिए, ताकि खाद्य पदार्थों, दवाओं, स्वच्छता उत्पादों और सेवाओं सहित आवश्यक आपूर्ति को बनाए रखा जा सके. उन्होंने कहा कि राज्यों में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि सभी जरूरी चीजों की कीमतों में वृद्धि न हो और वो उचित कीमतों पर आम लोगों को उपलब्ध हों.
टीम बनाकर करें निगरानी
अपर सचिव निधि खरे ने कहा है कि बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर खाद्य और नागरिक आपूर्ति, खाद्य नियंत्रक, खाद्य सुरक्षा स्वास्थ्य और पुलिस की संयुक्त टीमों का गठन किया जाए, ताकि आवश्यक चीजों की सप्लाई की निगरानी की जा सके. जरूरी सामान की जमाखोरी और अधिक कीमतों पर बेचे जाने की आशंका जताते हुए कहा कि कच्चे माल की लागत और विनिमय दरों में उतार-चढ़ाव पर भी नजर रखना जरूरी है.
लोगों में आवश्यक सामान खरीदने की जल्दबाजी और हड़बड़ाहट को कम करने के लिए शासन-प्रशासन के स्तर पर आम जनों को जागरुक करने के साथ ही उपभोक्ताओं के लिए हेल्पलाइन भी खोले जा सकते हैं. लॉकडाउन की आशंका में आवश्यक वस्तुओं की खरीद के लिए दुकानों पर ग्राहकों की लंबी कतारें लग रही हैं. झारखंड में अभी रात को 8 बजे के बाद तमाम दुकानों को बंद करने का आदेश है. लोग दिन में ही जरूरी सामान खरीदने के लिए बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकल रहे हैं.
एक साल पहले लगे लॉकडाउन की वजह लोग सतर्क होना चाह रहे
केंद्र की ओर से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि राज्य आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी और जमाखोरी पर कड़ी नजर रखें. कोरोना वायरस के दूसरे स्ट्रेन के तेजी से फैलते संक्रमण के भय का आलम यह है कि लोग एक साल पहले लागू हुए लॉकडाउन को याद कर अपने घरों में सामान इकट्ठा कर रहे हैं, ताकि लोगों को जरूरी सामानों के लिए आगे परेशानी न उठानी पड़े. झारखंड के लोग भी लॉकडाउन लगने की आशंका से हलकान हैं.