उल्लेखनीय है कि डीजीपी की नियुक्ति के लिए फरवरी माह में राज्य सरकार ने नई नियमावली बनायी थी. जिसके तहत अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद पर नियुक्त किया था. राज्य सरकार का तर्क है कि नियमावली के तहत अनुराग गुप्ता का डीजीपी पद पर नियुक्ति दो साल के लिए है. लिहाजा वह तय तारिख 30 अप्रैल 2025 को रिटायर नहीं होंगे.केंद्र सरकार ने डीजीपी नियुक्ति के मामले मे राज्य सरकार के तर्कों को अस्वीकार कर दिया है. डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुद्दे पर राज्य और केंद्र के बीच छिड़ी जंग का सबसे रोचक पहलू यह है कि केंद्र सरकार अपने पत्र की प्रतिलिपि अनुराग गुप्ता को नहीं भेज रही है.
राज्य सरकार के इस फैसले पर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को पत्र लिख करके सूचित किया था कि अनुराग गुप्ता 30 अप्रैल की तारीख से रिटायर माने जाएंगे. पत्र में यह भी कहा गया था कि उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार नहीं है. ना ही केंद्र सरकार ने अनुराग गुप्ता को एक्सटेंशन दिया है. इसलिए वह 30 अप्रैल की तारीख से रिटायर माने जाएंगे.केंद्र सरकार के इस पत्र के जवाब में राज्य सरकार ने 30 अप्रैल की रात एक पत्र केंद्र सरकार को भेजा था. जिसमें कहा गया था कि डीजीपी पद पर अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियमानुसार की गई है और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के आलोक में वह नियुक्ति की तिथि से दो साल तक के लिए डीजीपी के पद पर रहेंगे. राज्य सरकार ने अपने पत्र में यह भी कहा था कि इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी विचाराधीन है.