में रहेगी उमस भरी गर्मी, छा सकते हैं बादल
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सरहुल पूजा प्रकृति उत्सव है
पत्र में कहा गया कि 15 अप्रैल को हम आदिवासियों का प्राकृतिक उत्सव सरहुल पूजा हैं. जिसमें पूजा के पश्चात अलग- अलग गांवों और मोहल्लों से शोभा-यात्रा निकाली जाती हैं.पूजा करने की मांगी अनुमति
पिछले साल 2020 में विश्व महामारी कोरोना के कारण शोभायात्रा नहीं निकाला गयी थी. मगर इस साल भी कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए हम आदिवासी समाज सरहुल पूजा तो करेंगे. लेकिन पूजा के बाद निकलनी वाली शोभा-यात्रा का आयोजन नहीं करेंगे. समिति के लोगों ने कहा कि सरहुल पूजा प्रकृति पर आस्था का पर्व है. और हम आदिवासी अपनी धार्मिक परंपरा और आस्था को बरकरार रखने के लिए पूजा करते है. इसे भी पढ़ें -सुप्रीम">https://english.lagatar.in/highly-served-liquor-in-madhuvan-following-the-order-of-the-supreme-court/45776/">सुप्रीमकोर्ट के आदेश को ताक पर रखकर ‘मधुवन’ में खुलेआम परोसी जा रही शराब
समिति ने प्रशासन से की विभिन्न मांगे
- सभी पवित्र स्थलों की साफ- सफाई, लाइट, पेयजल, चना गुड और शरबत की व्यवस्था की जाये.
- केंद्रीय पूजा स्थलों (सरना टोली हातमा और सिरम टोली में तोरण द्वार पंडाल और कुर्सियां व जनरेटर की व्यवस्था की जाये.
- प्रत्येक सरना स्थलों में सैनेटाइजर और मास्क की भी व्यवस्था की जाये.
समिति के कई सदस्य रहे मौजूद
इस दौरान प्रतिनिधि मंडल में केन्द्रीय सरना समिति मुख्य रूप से कार्यकारी अध्यक्ष शोभा कच्छप, सचिव कृष्णकांत टोप्पो, मुख्य पहान जगलाल पहान सहित करम टोली सरना समिति के सचिव कृष्णा हेमरोम और समिति सलाहकार जय सिंह लुकर मौजूद रहे. https://english.lagatar.in/madhupur-by-election-splitting-minority-votes-will-not-happen-jmm-candidate-has-a-strategy-to-ensure-victory/45815/https://english.lagatar.in/today-bjps-foundation-day-all-the-workers-will-put-the-party-flag-in-their-homes/45778/
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