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चाईबासा: जनजातीय राजस्व ग्राम को नगरपाालिका में शामिल करने का आदिवासी हो महासभा ने किया विरोध

Chaibasa : विभिन्न जनजातीय राजस्व ग्राम को पुनः नगरपालिका में शामिल करने के विरोध में आदिवासी हो समाज महासभा भवन हरिगुटु, चाईबासा में महासभा की तीनों इकाई की संयुक्त रूप से आपातकालीन बैठक हुई. केंद्रीय अध्यक्ष अर्जुन मुन्दूईया की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में जनजातीय 13 राजस्व ग्राम को नगरपालिका में पुनः शामिल कराने के प्रस्ताव को लेकर चर्चा की गई. नगर विकास विभाग द्वारा नपा में 13 गांव को विस्तार कराने की अधिसूचना पर कड़ा विरोध जताया गया. इसे भी पढ़ें : मारपीट">https://lagatar.in/assault-case-villagers-demand-removal-of-je-union-says-arrest-mukhiya/">मारपीट

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क्षेत्र में विल्किन्सन रूल मानकी-मुंडा व्यवस्था, पांचवीं अनुसूची, सीएनटी भूमि एवं शत-प्रतिशत ट्राइबल बेल्ट जैसे लागू कानून के बावजूद जबरन नगरपालिका में शामिल करना असंवैधानिक है. इसके विस्तार को लेकर समाज में काफी असंतोष है, आदिवासी हो समाज महासभा ग्रामीणों के साथ है. इस पर चर्चा करते हुए क्षेत्र में प्रावधान किये गये कानूनों के अनुसार ग्रामीणों को सहयोग करने का निर्णय लिया गया. पारंपरिक ग्रामसभा को सर्वाेपरि मानकर मानकी-मुंडा के समन्वय से स्थानीय लोगों के संघर्ष में साथ होने का प्रस्ताव पारित किया गया. मौके पर महासभा उपाध्यक्ष केसी बिरुली, महासचिव यदुनाथ तियु, कोषाध्यक्ष चौतन्य कुंकल, मानसिंह सामड, संयुक्त सचिव बामिया बारी, संगठन सचिव रामेश्ववर तैसुम, सेवानिवृत्त संगठन अध्यक्ष सुखलाल पूर्ति, सचिव बलभद्र मेलगंडी, युवा महासभा अध्यक्ष डॉ बबलू सुंडी, महासचिव इपिल सामड, जिलाध्यक्ष गब्बर सिंह हेम्ब्रम, जयपाल सिरका, संतोष पूर्ति, रामेश्वर सवैंयां, बागुन बोदरा, जतुवा दोराई, हरिचरण हाईबुरु, सेलाय हो, गुरूचरण बिरूवा, रामचंद्र सामड, मदन बोदरा, गोविंद बिरूवा, सिकंदर हेम्ब्रम, शंकर सिदु आदि उपस्थित थे. [wpse_comments_template]

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