Chaibasa (Sukesh kumar): वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक- 2023 संसद में पेश किया जा चुका है. केंद्र सरकार वन संरक्षण संशोधन विधेयक के नाम पर राज्यों के जल, जंगल, जमीन को खत्म करने की साजिश कर रही है. यह बातें सामजिक कार्यकर्ता सोनाराम महतो ने कही. उन्होंने कहा कि विधेयक मौजूदा स्वरूप में लागू करने से वनों का तेजी से विनाश होगा. पेसा और वन अधिकार कानूनों का महत्व काम हो जाएगा. आदिवासी तथा वन में रहने वाले लोगों के अधिकारों का और अधिक हनन होगा. वन भूमि के संरक्षण के नाम पर वनों के निजीकरण को बढ़ावा मिलेगा. वनों की रक्षा करने को लेकर कई तरह के आंदोलन पिछले कई पीढ़ी से चलते आ रहा है. आगे भी यह आंदोलन चलता रहेगा. सरकार ने जिस तरह की योजना तैयार की है उसे धरातल पर लागू करने नहीं दिया जाना है. जल, जंगल व जमीन की रक्षा करना हमारा दायित्व है. इस दायित्व को निभाने के लिये हमें आंदोलन करना होगा. यादि केंद्र सरकार वन संबंधित विधेयक को पारित कर धरातल में लाएगी तो इसका विरोध किया जायेगा. सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन होगा.
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