Chaibasa (Sukesh kumar) : महिला कॉलेज में ओत् गुरु कोल लाको बोदरा की जयंती और शिक्षक दिवस गुरुवार को मनाया गया. इस अवसर पर वारांगक्षिति लिपि के जनक ओत् गुरु कोल लाको बोदरा एवं डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की तस्वीर पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई. इस कार्यक्रम में महिला कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या डॉ प्रीतिबाला सिन्हा, हो विभागाध्यक्ष चंद्रमोहन बिरुवा, आदिवासी हो समाज युवा महासभा के प्रदेश संगठन सचिव राहुल पूर्ति एवं प्रदेश संस्कृतिक सचिव जगन्नाथ हेस्सा इत्यादि बतौर अतिथि के रूप में उपस्थित थे. छात्राओं ने स्वागत गीत प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ. इस कार्यक्रम के माध्यम से 21 अगस्त को हो भाषा आंदोलन में शामिल हुई छात्राओं के प्रति आदिवासी हो समाज युवा महासभा के प्रदेश संगठन सचिव राहुल पूर्ति और सांस्कृतिक सचिव जगन्नाथ हेस्सा ने आभार प्रकट किया.
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विचारों को आत्मसात करने का आह्वान
महिला कॉलेज के प्रभारी प्राचार्या ने कहा कि डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एवं ओत् गुरु कोल लाको बोदरा के संघर्षों को कभी नहीं बुलाया जा सकता. हम सभी को इन्हें प्रेरणा स्रोत बनाकर उनके विचारों को आत्मसात करना चाहिए. आदिवासी हो समाज युवा महासभा के प्रदेश संगठन सचिव राहुल पूर्ति ने कहा कि लाको बोदरा के संघर्षों की बदौलत ही आज हम हो समाज अपनी भाषा को लिपि के रूप में पहचान रहे हैं. भारतवर्ष में हमारी हो भाषा को संवैधानिक मान्यता नहीं दिया गया है. इसे संवैधानिक मान्यता दिलाने के लिए हमें ही आगे आना होगा. संघर्ष करना होगा और आंदोलन करना होगा. प्रदेश सांस्कृतिक सचिव जगन्नाथ हेस्सा ने लाको बोदरा के उपलब्धियों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि प्रत्येक छात्राओं को अपनी भाषा और साहित्य के विकास के लिए स्वयं ही साहित्य की रचना करनी होगी. मौके पर बीएड असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ओमीना मानकी, सोना माई कोड़ा, सावित्री बिरुआ, रेशमी बोदरा, सावित्री लियांगी, पालो बंकिरा, सोमबरी दोराइबुरु, जोमना मरला, पंचमी पूर्ति, मोती तापेय आदि उपस्थित थे. इस दौरान मुक्ता गागराई, रेश्मी काईका, सपना तुबिद, सविता तुबिद, एकता हेम्ब्रम, निर्मला हंसदा एवं सुशीला बिरूली को सम्मानित किया गया.