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चाईबासाः माइंस के मजदूरों ने भगा दिया, अब बाहरी लोगों की मदद से काम रोकना चाहता है मान सिंह तिरिया व संन्यासी महतो

Ranchi: आखिरकार यह सवाल एक बार फिर से उठ खड़ा हुआ है कि चाईबासा के मजदूर और कंपनियां कथित मजदूर नेताओं की दादागिरी कब तक बरदाश्त करेंगे. तीन दिन पहले वहां की करमपदा माइंस में काम करने वाले मजदूरों ने कथित मजदूर नेता मान सिंह तिरिया को साफ कह दिया था कि सभी के बकाये का भुगतान हो चुका है. उनका रोजगार छीनने की कोशिश ना करे. इस पर भी जब मान सिंह तिरिया ने काम बंद करवाना चाहा, तो मजदूरों ने उसे पीट करके भगा दिया. इस बीच 9 अक्टूबर को यह सूचना मिली है कि कथित मजदूर नेता मान सिंह तिरिया बाहर के लोगों के साथ माइंस पहुंच कर काम बंद कराना चाहता है. उसके साथ संन्यासी महतो नामक कथित मजदूर नेता भी है. इन दोनों के साथ जो 20-25 लोग हैं, उनमें से शायद ही किसी ने कभी करमपदा माइंस में काम किया है.

उगाही करने के लिए तो नहीं हो रहा सबकुछ

सवाल उठने लगा है कि आखिर किसके इशारे पर मान सिंह तिरिया और संन्यासी महतो काम कर रहा है. जिन ग्रामीणों को काम मिल रहा है, मजदूरी मिल रही है, काम बंद करा करके क्यों बेरोजगारी और भुखमरी की जाल में फंसाना चाहता है. जब वहां काम कर रहे मजदूरों को ही दिक्कत नहीं है, तो कथित मजदूर नेताओँ को क्या समस्या हो सकती है. तो क्या आंदोलन का असली मकदस कथित मजदूर नेताओं द्वारा कंपनियों से उगाही करना चाहते हैं. इस बीच जानकारी मिली है कि पूर्व में कई बार कुछ कंपनियों ने ऐसे तथाकथित मजदूर नेताओं को कुछ पैसे दिये भी हैं. लेकिन इन दिनों डिमांड इतनी अधिक हो गई है, कंपनियों के लिए देना मुश्किल हो रहा है. इसकी वजह यह है कि पहले चाईबासा में कई सारी माइंस चलती थी थोड़ी-थोड़ी राशि भी बहुत हो जाती थी. लेकिन अब इक्का-दुक्का माइंस ही चल रही हैं. इस कारण कथित नेताओं की कमाई कम हो गई है. अब वह एक ही कंपनी से कमी को पूरा करना चाहते हैं. [wpse_comments_template]

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