: सेल के ठेका मजदूरों के वेतन समझौते को लेकर दिल्ली में चल रही है बैठक
भाजपा के प्रायोजित मुद्दे है
चटर्जी ने आगे कहा कि चुनाव में अब तरक्की विकास, सड़क, स्कूल, शिक्षा, अस्पताल, उधोग, रोजगार, खेती, बढ़ोत्तरी मुद्दे नहीं रह गए है. भाजपा के प्रायोजित मुद्दे है शमशान-कब्रिस्तान, बुलडोजर, लाउडस्पीकर, मंदिर बनाम मस्जिद बनाम गिरजाघर बनाम गुरुद्वारा , सड़कों के नाम बदलना, खाने-पहनने के नाम पर समाज का बंटवारा आदि. देश में बेरोजगारी की दर आठ प्रतिशत से अधिक है. भारत सरकार सरकारी उपक्रमों व प्रांतीय सरकारों को मिलकर 30 लाख से भी ज्यादा पद खाली पड़े है. सेनाओं में 2, 55,000 पद खाली है. 2 करोड़ रोजगार हर साल देना तो दूर , करोड़ो रोजगार चले गए है. आदिवासियों व दलितों का सब प्लान खत्म कर दिया गया. उनके आरक्षण व दलित पक्षधर कानूनों पर हमला बोला जा रहा है. सरकारी उपक्रम बेच कर दलितों व पिछड़ो का आरक्षण खत्म किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें :चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-training-to-identify-cataract-patients-given-to-sahiyas/">चक्रधरपुर: सहियाओं को दिया गया मोतियाबिंद के मरीजों की पहचान करने का प्रशिक्षण
खेती उपकरण पर जीएसटी लगाया गया
उन्होंने कहा कि किसान व खेती को प्राइवेट कंपनियों को सौंपने का षड्यंत्र जारी है. पहली बार खेती उपकरण पर जीएसटी लगाया गया. खाद हो, ट्रैक्टर व खेती उपकरण हो, कीटनाशक दवाई हो, खाद की सब्सिडी काटी जा रही है. डीएपी व यूरिया की कीमतें आसमान छू रही है. एमएसपी गारंटी कानून पर चर्चा ही नहीं हो रही है. मनरेगा का बजट काट दिया गया है. किसान की आय साल 2022 तक दुगना होना तो दूर , उपज की कीमत भी नहीं मिल रही है. सरकार केवल चीनी ऐप बैन कर झूठी वाहवाही लूट रही है. और उल्टा चीन से वस्तुओं का आयात बढ़कर 97 बिलियन डॉलर हो गया है. आठ वर्षों में झारखंड के साथ सिर्फ अपेक्षात्मक रवैया रखते हुए झारखंड में कभी डबल इंजन की सरकार के नाम पर कभी घोषणाओं के नाम पर सिर्फ और सिर्फ विश्वास बात हुआ है. झारखंड का केन्द्र सरकार पर करीब 1-36 लाख करोड़ बकाया है. यह राज्य का अधिकार है. एक तरफ झारखंड को लेकर संवेदनशील होने का दावा किया जाता है पर राज्य ने केन्द्र को हो , मुंडारी, कुडुख को आठवीं अनुसूची में शामिल करने का प्रस्ताव भेजा था. सरना धर्म कोड का प्रस्ताव भेजा था. आज तक इसका भी समाधान नहीं हो पाया क्या यही संवेदनशील रवैया है. वैश्विक महामारी के काल में भी राज्य को सहयोग के बजाय अपेक्षित रखने का हर मुमकिन कोशिश जारी रखी गई जो लोगों ने देखा. इसे भी पढ़ें :चक्रधरपुर">https://lagatar.in/chakradharpur-peace-committee-meeting-held-for-peace-in-the-city/">चक्रधरपुर: शहर में अमन-चैन के लिए शांति समिति की हुई बैठक