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चाईबासा : साप्ताहिक हाट ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़

Chaibasa (Ramendra kumar sinha) : ग्रामीण क्षेत्र और शहरी क्षेत्र में लगने वाले साप्ताहिक हाट ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था का बड़ा आधार है. क्योंकि ग्रामीण अपने उत्पादों को बेचने के लिए तैयार करते हैं और फिर उसे साप्ताहिक हाट में ले जाकर बेजते हैं. हाट में घरेलू उत्पाद के साथ पशुओं की भी बिक्री होती है. प्रखंड के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा हेल्थ कैंप लगाकर ग्रामीणों की जांच पड़ताल भी की जाती है. ग्रामीणों और व्यापारियों को सप्ताहिक हाट का बेसब्री से इंतजार रहता हैं. हाट लेनदेन के साथ लोग एक दूसरे से मिल भी लेते हैं. इसे भी पढ़ें :नोवामुंडी">https://lagatar.in/noamundi-police-pasted-advertisements-at-the-house-of-absconding-accused/">नोवामुंडी

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सरकार को भी होती है राजस्व की प्राप्ति

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alt="" width="350" height="233" /> बड़ी बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले साप्ताहिक हाटों से सरकार को भी राजस्व की प्राप्ति होती है. सरकार व्यापारिक गतिविधियों को देखते हुए हाट की निविदा निकालती है. पश्चिम सिंहभूम जिले के विभिन्न भागों में लगभग 22 छोटे-बड़े हाट बाजार लगते हैं. इनमें सबसे बड़ा हाट मंगला हाट है. यहां पर पूरे जिले के साथ अन्य राज्यों के व्यापारी और खरीदार दोनों ही पहुंचते हैं. ग्रामीण क्षेत्र की अधिकतर आर्थिक गतिविधियां इससे संचालित होती रहती हैं . इसलिए हाट का व्यापारी और ग्रामीण दोनों को ही इंतजार रहता है. इसे भी पढ़ें :आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-enrollment-continues-for-new-session-government-polytechnic-program-organized-on-anti-ragging/">आदित्यपुर

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