alt="" width="229" height="300" /> कार्यक्रम की शुरुआत होते ही मंत्रोच्चारण के साथ मां दुर्गा की स्तुति आरंभ हुई. चंडी पाठ करते हुए पुजारी नित्यानंद चौधरी ने पूरे माहौल में मां दुर्गा की शक्ति का समावेश किया. एक-एक कर कलाकारों ने मां दुर्गा के आगमन को दर्शाते हुए विभिन्न गीतों पर मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया. इसके बाद मां दुर्गा और महिषासुर के युद्ध को दर्शाया गया. मां दुर्गा ने जैसे ही महिषासुर का वध किया पूरा माहौल ढाक के ओजस्वी ताल से गूंज उठा. पूरे माहौल में मां दुर्गा की शक्ति को नमन करने का भाव समा गया. इस प्रस्तुति के बाद एडीआरएम बीके सिन्हा ने डीआरएम विजय कुमार की तरफ से आयोजक डीसीए को दस हजार रुपये के पुरस्कार की घोषणा की. एडीआरएम बीके सिन्हा ने कहा की महिषासुर मर्दिनी की नृत्य नाटिका को देख उनके रोंगटे खड़े हो गए. सभी कलाकारों ने अपनी अपनी भूमिका बखूबी निभाई. पल भर के लिए भी पलक झपकने का मन नहीं किया, नृत्य नाटिका कब खत्म हुई पता ही नहीं चला. उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन के लिए डीसीए की पूरी टीम को बधाई दी और ऐसे बेहतरीन कार्यक्रम के आयोजन को आगे भी जारी रखने का जोश भरा. वहीं डीसीए के सचिव सह मंडल के सीनियर डीपीओ श्रीरंगम हरिताश ने कहा की नृत्य नाटिका देख ऐसा लग रहा था कि यह काल्पनिक नहीं बल्कि सब कुछ आंखों के सामने घटित हो रहा है.
इन कलाकारों ने पेश की नृत्य नाटिका
- झिमली ग्रुप से: शायना, शैली, प्रतीक्षा, अस्मिता, सुचिता, सुरोमा, आसना, निहारिका, नेहा
- शाइनी ग्रुप से: सुष्मिता, तृष्णा, आर्ची, निश्चया, ऋतू, अभिलाषा, पिहू, विष्णु, सतरूपा, नम्रता, सोना, रेशमी, श्रेया राय, मेघा, श्रेया, नंदिनी, छंदा, ओडिशी एकल नृत्य, मनीषा.
- दुर्गा - शाइनी चक्रवर्ती
- महिषासुर - अभिजित मित्रा
- शेर - मनोज
- गणेश - प्रियांशु
- कार्तिक - जय भट्टाचार्य
- लक्ष्मी - श्रेया चौधरी
- सरस्वती - श्रेया राय
- पुजारी - चन्दन
- गायन - समीर मुखर्जी, रत्न चटर्जी, शांतनु दास, चितरंजन दास, देवप्रिया चौधरी, सुपर्णा दास संगीता राय, मनीषा चक्रवर्ती, एओश्री दास, स्वस्तिक मुखर्जी
- वाद्य
- तबला - आशीष दास
- बांसुरी - अशोक दास
- केसिओ - रामू शर्मा
- हारमोनियम - समीर मुखर्जी
- ढाक - राजेश कुमार
- मंदिरा - रतन
- चंडी पाठ - नित्यानंद चौधरी
- मंच सज्जा - शंकर डे, आई दामोदर, प्रकाश पंडा
- मेकअप - शंकर डे
- लाईट एंड साउंड : नितिन विश्वकर्मा
- विडियो शूट : अनिल कुमार
- मंडल सांस्कृतिक संगठन के अन्य सदस्यों में अमिताभ सिंह, पीके दास, एचएस षडंगी, राजीव शुक्ला और रूपक चक्रवर्ती का भी अहम् योगदान रहा.
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