alt="" width="600" height="400" /> पोस्टर साटने की सूचना मिलने पर पहुंचे कमलदेव गिरि के भाई और बहन.[/caption]
इसे भी पढ़ें : चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-kolhan-universitys-urdu-department-head-without-higher-education-dependent-on-guest-teachers/">चाईबासा
: कोल्हान विवि का उर्दू विभाग विभागाध्यक्ष विहिन, गेस्ट शिक्षकों के भरोसे उच्च शिक्षा
: कोल्हान विवि का उर्दू विभाग विभागाध्यक्ष विहिन, गेस्ट शिक्षकों के भरोसे उच्च शिक्षा
पहले भी श्याम तिवारी के घर के बाहर फेंका गया था पर्चा
[caption id="attachment_661589" align="aligncenter" width="600"]
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2023/06/CKP-POSTER-2.jpg"
alt="" width="600" height="400" /> साटे गए पोस्टर को पढ़ते स्थानीय लोग.[/caption]
alt="" width="600" height="400" /> साटे गए पोस्टर को पढ़ते स्थानीय लोग.[/caption]
चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ले में रहने वाले श्याम तिवारी के घर के बाहर 2022 में कमल देवगिरि की हत्या से एक महीने पहले एक पर्चा फेंका गया था. इस पर्चे में भी इकबाल गैंग बीरमित्रपुर का जिक्र था. पर्चे में कमलदेव गिरि, उसकी बहन, श्याम तिवारी का जिक्र था. पर्चे में कमलदेव गिरि, श्याम तिवारी के परिवार के साथ अंजाम बुरा होने की धमकी संबंधित बातें लिखी गई थी. श्याम तिवारी के घर के बाहर पर्चा रखे जाने वाले व्यक्ति का सीसीटीवी कैमरे में फुटेज भी आया था. उस वक्त कमलदेव गिरी ने चाईबासा के पुलिस अधीक्षक, डीएसपी व थाना प्रभारी को इस मामले की जानकारी दी थी. लेकिन इस मामले में सही तरीके से जांच पड़ताल नहीं की गई. श्याम तिवारी से इस मामले में पुलिस ने एक बार भी पूछताछ नहीं की. ना ही इस पर कोई ठोस कदम उठाया गया. कमलदेव गिरि के बड़े भाई उमा शंकर गिरि ने कहा कि अगर उस वक्त ही पुलिस तत्परता दिखाती तो शायद मेरे भाई की जान बच सकती थी. इकबाल गैंग कहां का है और मेरे भाई के बारे में बार-बार क्यों जिक्र किया जा रहा है, इसे लेकर पुलिस जांच पड़ताल करे.
इसे भी पढ़ें : बहरागोड़ा">https://lagatar.in/bahragora-toilet-built-on-the-side-of-nh-18-is-turning-into-ruins/">बहरागोड़ा
: एनएच 18 के किनारे निर्मित शौचालय खंडहर में हो रहा तब्दील
: एनएच 18 के किनारे निर्मित शौचालय खंडहर में हो रहा तब्दील
कौन हैं श्याम तिवारी
चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला में रहने वाले श्याम तिवारी पेशे से लेखक हैं. उन्होंने मनोज कॉमिक्स के लिए एक कॉमिक्स भी लिखा है. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए कई प्रेरणादायी किताबें लिखी हैं. बुजुर्ग होने के बावजूद भी अभी उनकी रूचि लेखन में ही है. शहर में उनकी छवि काफी अच्छी है. साथ ही वे सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. वे गायत्री परिवार से भी जुड़े हुए हैं. कमल देव गिरि की हत्या से एक महीने पहले उनके घर पर पर्चा रखे जाने से वे भी काफी भयभीत हो गए थे. साथ ही मामले को लेकर पुलिस को अवगत कराया था.
[wpse_comments_template]