Chakradharpur (Shambhu Kumar) : गिरिराज सेना के संरक्षक सह हिंदूवादी युवा नेता कमलदेव गिरि हत्याकांड मामले को जोड़कर शहर के बीचोबीच बाटा रोड स्थित हनुमान मंदिर की दीवार पर एक पोस्टर साटा गया. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने पोस्टर जब्त कर लिया. बताया जाता है कि कुछ लोगों ने बाटा रोड स्थित साईं गेस्ट हाउस के सामने गुदड़ी बाजार के बर्तन पट्टी जाने वाले रास्ते में हनुमान मंदिर की दीवार पर गुरुवार सुबह लाल रंग से लिखा एक पोस्टर सटा देखा. पोस्टर में कमलदेव गिरि, चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला निवासी श्याम तिवारी, उनके पुत्र विशाल तिवारी से संबंधित बातें लिखी थी. पोस्टर में लिखा गया है कि कमलदेव गिरि की हत्या करवाने वाला बबलू खान है. चक्रधरपुर में कई हत्या हुई है. इन सबकी जड़ श्याम तिवारी हैं. इकबाल ग्रुप के नाम से साटे गए पोस्टर में बबलू खान, सुशील, शाहिद अंसारी, किशोर माझी, दिलीप साहू इत्यादि का जिक्र किया गया है. साथ ही पोस्टर में पुलिस विभाग को शामिल कर पैसे लेन देन की बात लिखी गई है. गुरुवार सुबह गुदड़ी बाजार के बीचो बीच पोस्टर साटे जाने की जानकारी कमलदेव गिरि के बड़े भाई उमा शंकर गिरि को दी गई. इसके बाद उमा शंकर गिरि, फूलनदेव गिरि, छोटी बहन पूजा गिरि के अलावे स्थानीय लोग मौके पर पहुंचकर पोस्टर को देखा. इसकी सूचना चक्रधरपुर थाना को भी दी गई. थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार गुदड़ी बाजार पहुंचे और पोस्टर को जब्त कर लिया. पुलिस बाजार व बाटा रोड के दुकानों में लगे सीसीटीवी कैमरा से जांच पड़ताल में जुट गई है.
पोस्टर साटने की सूचना मिलने पर पहुंचे कमलदेव गिरि के भाई और बहन.
पहले भी श्याम तिवारी के घर के बाहर फेंका गया था पर्चा
साटे गए पोस्टर को पढ़ते स्थानीय लोग.
चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ले में रहने वाले श्याम तिवारी के घर के बाहर 2022 में कमल देवगिरि की हत्या से एक महीने पहले एक पर्चा फेंका गया था. इस पर्चे में भी इकबाल गैंग बीरमित्रपुर का जिक्र था. पर्चे में कमलदेव गिरि, उसकी बहन, श्याम तिवारी का जिक्र था. पर्चे में कमलदेव गिरि, श्याम तिवारी के परिवार के साथ अंजाम बुरा होने की धमकी संबंधित बातें लिखी गई थी. श्याम तिवारी के घर के बाहर पर्चा रखे जाने वाले व्यक्ति का सीसीटीवी कैमरे में फुटेज भी आया था. उस वक्त कमलदेव गिरी ने चाईबासा के पुलिस अधीक्षक, डीएसपी व थाना प्रभारी को इस मामले की जानकारी दी थी. लेकिन इस मामले में सही तरीके से जांच पड़ताल नहीं की गई. श्याम तिवारी से इस मामले में पुलिस ने एक बार भी पूछताछ नहीं की. ना ही इस पर कोई ठोस कदम उठाया गया. कमलदेव गिरि के बड़े भाई उमा शंकर गिरि ने कहा कि अगर उस वक्त ही पुलिस तत्परता दिखाती तो शायद मेरे भाई की जान बच सकती थी. इकबाल गैंग कहां का है और मेरे भाई के बारे में बार-बार क्यों जिक्र किया जा रहा है, इसे लेकर पुलिस जांच पड़ताल करे.
चक्रधरपुर के झुमका मोहल्ला में रहने वाले श्याम तिवारी पेशे से लेखक हैं. उन्होंने मनोज कॉमिक्स के लिए एक कॉमिक्स भी लिखा है. इसके साथ ही उन्होंने बच्चों के लिए कई प्रेरणादायी किताबें लिखी हैं. बुजुर्ग होने के बावजूद भी अभी उनकी रूचि लेखन में ही है. शहर में उनकी छवि काफी अच्छी है. साथ ही वे सामाजिक कार्यों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं. वे गायत्री परिवार से भी जुड़े हुए हैं. कमल देव गिरि की हत्या से एक महीने पहले उनके घर पर पर्चा रखे जाने से वे भी काफी भयभीत हो गए थे. साथ ही मामले को लेकर पुलिस को अवगत कराया था.